महाकुंभ में डुबकी लगा हंसराज रघुवंशी

महाकुंभ में डुबकी लगा हंसराज रघुवंशी


हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये,
हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये।

गंगा की धारा शिव शिव गाए,
गंगा जहां वहां शंभु समाये,
गंगा की धारा शिव शिव गाए,
गंगा जहां वहां शंभु समाये।

महाकुंभ में डुबकी लगा,
महादेव जी मिल जायेंगें,
हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये।

महाकुंभ मे डुबकी लगा,
महादेव जी मिल जायेंगें,
गंगा की लहरों में तुझे,
शिव गंगाधर दिख जायेंगें।

उतरा है स्वर्ग प्रयाग में,
रख आस्था अनुराग में,
शिव गंगा ही इक दिन तुझे,
मुक्ति का पथ दिखलायेंगें।

महाकुंभ मे डुबकी लगा,
महादेव जी मिल जायेंगें,
गंगा की लहरों में तुझे,
शिव गंगाधर दिख जायेंगे।

हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये,
हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये।

ये गंगा जमुना सरस्वती,
शिव करुणा का उपहार है,
हर हर गंगे नमः शिवाय,
गंगा जहां वहां शंभु समाये।

ये गंगा जमुना सरस्वती,
शिव करुणा का उपहार है,
धरती को प्यासा देखकर,
शिव ने किया उपकार है।

पानी समझना ना इसे,
महाकुंभ अमृत धार है,
जब तक है शिव गंगा यहां,
तब तक ही ये संसार है,
हो जायेंगें उस पार वो,
गोते यहां जो लगायेंगें।

महाकुंभ मे डुबकी लगा,
महादेव जी मिल जायेंगें,
गंगा की लहरों में तुझे,
शिव गंगाधर दिख जायेंगें।

महाकुंभ मे डुबकी लगा,
महादेव जी मिल जायेंगें,
महादेव जी मिल जायेंगे,
महादेव जी मिल जायेंगें।

कर्ता करे सो ना होय,
शिवा करे सो होय,
तीन लोक नौ खंड बसे,
शिव से बड़ा ना कोय।
 
महाकुंभ 2025 प्रयागराज में मनाया जा रहा  है। यह हर 12 साल में एक बार होता है। इसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम में डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में शांति और आनंद का मिलता है। गंगा को भगवान शिव का वरदान माना गया है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हुए हर हर गंगे और नमः शिवाय का जाप करते हैं। महाकुंभ का पर्व हमारी संस्कृति, आस्था और भक्ति का प्रतीक है। महाकुंभ में स्नान करने से आत्मिक शांति मिलती है। यहां सभी श्रद्धालु आस्था, विश्वास और भक्ति का फल प्राप्त करते हैं।


Mahakumbh Mein Dubki Laga | Hansraj Raghuwanshi | Har Har Gange | Mahakumbh 2025 Prayagraj

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Singer :- Hansraj Raghuwanshi
baba_hans_raghuwanshi 
Project By :- Komal Saklani
Lyrics :- Ravi Chopra

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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