सच्चे हृदय से हो के समर्पित भजन
सच्चे हृदय से हो के समर्पित भजन
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
जिसकी नैया संभाले कन्हैया,
उसको कोई भी डर न भंवर का,
एक उसकी ही मंज़िल सही है,
जो पथिक है प्रभु की डगर का,
ग़म की आंधी उसे क्या उड़ाए,
जो प्रभु मौज में झूमता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
जिसका रिश्ता है मायापति से,
जग की माया उसे क्या लुभाए,
उसकी नज़रों में सब हैं बराबर,
कोई अपने न कोई पराए,
जिसके दिल में बसा श्यामसुंदर,
हर कहीं श्याम को देखता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
एक दिन छोड़ के जग ये जाना,
‘बिन्नू’ बन जा प्रभु का दीवाना,
श्याम को जिसने अपना है माना,
उसको चरणों में मिलता ठिकाना,
जाने के बाद में ये ज़माना,
उनके चरणों की रज ढूंढ़ता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
जिसकी नैया संभाले कन्हैया,
उसको कोई भी डर न भंवर का,
एक उसकी ही मंज़िल सही है,
जो पथिक है प्रभु की डगर का,
ग़म की आंधी उसे क्या उड़ाए,
जो प्रभु मौज में झूमता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
जिसका रिश्ता है मायापति से,
जग की माया उसे क्या लुभाए,
उसकी नज़रों में सब हैं बराबर,
कोई अपने न कोई पराए,
जिसके दिल में बसा श्यामसुंदर,
हर कहीं श्याम को देखता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
एक दिन छोड़ के जग ये जाना,
‘बिन्नू’ बन जा प्रभु का दीवाना,
श्याम को जिसने अपना है माना,
उसको चरणों में मिलता ठिकाना,
जाने के बाद में ये ज़माना,
उनके चरणों की रज ढूंढ़ता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
Saanwara - Maanya Arora, Shubham Bajoria - Krishna Bhajan
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
यह भजन भी देखिये
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर गणेश भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
