प्रीत की डोर ये मोहन से बांध ली जबसे भजन
प्रीत की डोर ये मोहन से बांध ली जबसे भजन
प्रीत की डोर ये मोहन से बांध ली जबसे,
छोड़ महलों को हुई जोगन मीरा तबसे,
ना इज्जत की चिंता ना बदनामी का डर,
घूमे गलियों मै दीवानी वो श्याम की होकर।
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई,
छोड़ महलों की शान शौकतें मस्तानी हुई।
राणा विष देके बोला पीलो ऐ मेरी रानी,
पी गई मीरा जहर जान के अमृत पानी,
कोई कुछ भी कहे हर बात से अनजानी हुई,
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई।
तेरी गलियों की मुसाफिर हूं मैं तेरी मोहन,
कहती दुनिया मुझे दीवानी मैं हुई जोगन,
मुझे परवाह नहीं दुनिया से बेगानी हुई,
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई।
छोड़ महलों को हुई जोगन मीरा तबसे,
ना इज्जत की चिंता ना बदनामी का डर,
घूमे गलियों मै दीवानी वो श्याम की होकर।
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई,
छोड़ महलों की शान शौकतें मस्तानी हुई।
राणा विष देके बोला पीलो ऐ मेरी रानी,
पी गई मीरा जहर जान के अमृत पानी,
कोई कुछ भी कहे हर बात से अनजानी हुई,
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई।
तेरी गलियों की मुसाफिर हूं मैं तेरी मोहन,
कहती दुनिया मुझे दीवानी मैं हुई जोगन,
मुझे परवाह नहीं दुनिया से बेगानी हुई,
मीरा दीवानी हुई श्याम की दीवानी हुई।
Meera Deewani Hui | मीरा दीवानी हुई | Meera -Shyam Bhajan | Mannat Masoom Bhakti | Official Video
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मीरा
बाई ने बचपन से ही भगवान कृष्ण को अपना आराध्य मान लिया था। उनका प्रेम
अनन्य था। उन्होंने महलों की शानो-शौकत, परिवार और समाज की परवाह किए बिना
खुद को श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया। मीरा ने अपनी प्रीत की डोर
कृष्ण से बांध ली थी, और उनके इस अनन्य प्रेम ने उन्हें जोगन बना दिया। एक
समय की बात है मीरा के कृष्ण-प्रेम और भक्ति से नाराज राणा ने उन्हें विष
का प्याला भेजा। राणा ने सोचा कि यह विष पीकर मीरा का जीवन समाप्त हो
जाएगा।
लेकिन मीरा ने उस विष को कृष्ण का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लिया। कहते
हैं कि मीरा के स्पर्श और भगवान कृष्ण की कृपा से वह विष अमृत में बदल गया
और मीरा सदा के लिए अमर हो गई। मीरा के लिए न समाज की बदनामी मायने रखती
थी, न उनकी इज्जत का डर। वह गली-गली कृष्ण की दीवानी बनकर घूमती थीं। उनकी
भक्ति ने उन्हें समाज के बंधनों से मुक्त कर दिया। मीरा ने अपने जीवन को
श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित कर दिया और अपने आराध्य में लीन हो गईं।
उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम हर विष को अमृत बना
सकता है।
Song: Meera Deewani Hui
Singer: Mannat Masoom Bhakti
Lyricist: Mannat Masoom Bhakti
Singer: Mannat Masoom Bhakti
Lyricist: Mannat Masoom Bhakti
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Author - Saroj Jangir
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