गोकुल में शोर मचाया श्याम मटकी फोड़ने आया

गोकुल में शोर मचाया श्याम मटकी फोड़ने आया


गोकुल में शोर मचाया
गोकुल में शोर मचाया,
श्याम मटकी फोड़ने आया।

कभी गोवर्धन गिरधारी है,
कभी चक्र सुदर्शन धारी है।
वो तो रूप बदल कर आया है,
श्याम मटकी फोड़ने आया।
गोकुल में शोर मचाया...

कभी दही चुराकर खाता है,
कभी माखन वो ले जाता है।
वो तो गैया चराने आया है,
श्याम मटकी फोड़ने आया।
गोकुल में शोर मचाया...

वो तो ग्वाल-बाल संग लाया है,
उसने ही रची सब माया है।
वो तो प्रेम सिखाने आया है,
श्याम मटकी फोड़ने आया।
गोकुल में शोर मचाया...

छोटे हाथों में मुरली साजे,
पांव में उसके घुंघरू बाजे।
वो तो रास रचाने आया है,
श्याम मटकी फोड़ने आया।
गोकुल में शोर मचाया...


गोकुल में शोर मचाया श्याम मटकी फोड़ने आया

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