हेली म्हारी आयोडा सन्तों रा ली जो वारणा रे
हेली म्हारी आयोडा सन्तों रा ली जो वारणा रे
हेली म्हारी आयोडा,
सन्तों रा ली जो वारणा रे,
ज्यासु बढ़े तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी नदियो रे,
आगे नाला क्या करे रे,
वो तो सावण पेला सूख जाय,
सूख जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी नुगरा मानुस री,
संगत ना करो रे,
हो ज्यासू घटे तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी सुगरा मानुस री,
संगत भले करो रे,
ऐ हो ज्यासू बढ़े तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी कुआं री छाया,
कुआं रे मायने रे,
वो तो कबहुं ना बाहर आय,
आय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी हंस हंस जग में,
मीठों बोलणों रे,
हो जग में अमर रहें ना कोय,
ना कोय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी आम फले रे,
नीचो लुले रे,
अरण्डी आकाशों जाय,
जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी ऊंचो ऊंचो,
पेड खजूर रो रे,
हो ज्योरी जडों पतालों जाय,
जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी सूरों रे आगे,
कायर क्या करे रे,
हो वे तो भिडता ही भग जाय,
भग जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी राणी रूपा दे,
री विनती रे,
हो ज्यों रा अमरापुर में वास,
वास म्हारी हेली ए।
सन्तों रा ली जो वारणा रे,
ज्यासु बढ़े तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी नदियो रे,
आगे नाला क्या करे रे,
वो तो सावण पेला सूख जाय,
सूख जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी नुगरा मानुस री,
संगत ना करो रे,
हो ज्यासू घटे तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी सुगरा मानुस री,
संगत भले करो रे,
ऐ हो ज्यासू बढ़े तिहारो मान,
मान म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी कुआं री छाया,
कुआं रे मायने रे,
वो तो कबहुं ना बाहर आय,
आय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी हंस हंस जग में,
मीठों बोलणों रे,
हो जग में अमर रहें ना कोय,
ना कोय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी आम फले रे,
नीचो लुले रे,
अरण्डी आकाशों जाय,
जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी ऊंचो ऊंचो,
पेड खजूर रो रे,
हो ज्योरी जडों पतालों जाय,
जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी सूरों रे आगे,
कायर क्या करे रे,
हो वे तो भिडता ही भग जाय,
भग जाय म्हारी हेली ए।
हेली म्हारी राणी रूपा दे,
री विनती रे,
हो ज्यों रा अमरापुर में वास,
वास म्हारी हेली ए।
हमारे जीवन में अच्छी संगति और सही संस्कार बहुत जरूरी हैं। जैसे नदियाँ आगे बढ़ती हैं और छोटे नाले सूख जाते हैं, वैसे ही अच्छे कर्म करने वाले लोग जीवन में आगे बढ़ते हैं, जबकि बुरे स्वभाव वाले लोग नष्ट हो जाते हैं। संतों की संगति से सम्मान बढ़ता है जबकि बुरी संगति से आत्मसम्मान घटता है। हमें हमेशा मीठे वचन बोलने चाहिए। जीवन में कोई अमर नहीं होता लेकिन अच्छे व्यवहार से लोग हमेशा याद किए जाते हैं। हमें हमेशा दूसरों के लिए विनम्रता और सेवा का भाव रखना चाहिए। हमें अच्छे कर्म करने चाहिए और मोक्ष की ओर बढ़ना चाहिए। इससे हमारा जीवन सफल और सार्थक बनता है।
बहुत ही मीठी आवाज में हेली म्हारी आयोडा संतो रा लिजो वारणा सतगरू भजनRajasthaniBhajan@MadhurMarwadi
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Author - Saroj Jangir
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