बाजे रे बाजे डमरू रे, कैलाश में डमरू बाजे रे, बाजे रे बाजे डमरू रे, कैलाश में डमरू बाजे रे, बगड़ बम बम बम औघड़ बोले, हर हर शिव शिव गूंजे रे, मेरा भोला शंकर झूमे रे।
जिसके संग गौरा विराजे, जटा में जिसकी गंगा रे,
भस्म रमाये शंकर मेरा, शमशान में डेरा रे, अवन्ति झूमे कशी झूमे, शंख नाद जब गूंजे रे, मेरा भोला शंकर झूमे रे।
शिव ध्यान मंत्र: डिं डिं डिंकत डिम्ब डिम्ब डमरु, पाणौ सदा यस्य वै, फुं फुं फुंकत सर्पजाल हृदयं, घं घं च घण्टा रवम्।
मैं तेरा ही बस ध्यान करूं, तू ही मेरा शिव शंकर है, कहां ढूंढूं मैं तुझको तो, तू ही तो मेरे अंदर है, मैं हरदम तेरा नाम जपुं, दिन रात ही तेरी सेवा करूं, तू भोला है भंडारी है, नंदी पर करे सवारी रे, मेरा भोला शंकर झूमे रे।
कैलाश पर्वत पर जब भगवान शिव जी का डमरू बजता है, तो पूरी सृष्टि उसकी गूंज से भर जाती है। औघड़ दानी भोलेनाथ का नाम जपते ही हम आनंद में डूब जाते हैं। माता गौरा संग विराजे शिव जी की जटा से पवित्र गंगा प्रवाहित होती हैं। जब शंखनाद और डमरू की ध्वनि गूंजती है, तो काशी और अवंती झूम उठती हैं। हम सदैव शिव का ध्यान करता हैं क्योंकि वे ही हमारे अंतर में बसे हैं। जय शिव शक्ति।
Mera Bhola Shankar Jhume Re भोला शंकर झूमे रे- Aryan Mishra @SunidhiChoudhary Mahashivratri 2025
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