धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ, पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
अरावली की गोद में, दिव्य तेरो धाम, जहाँ राणा पूज्या करे, गूंजे तेरो नाम, घोड़े री टापां संग, गूंजे जय जयकार, एकलिंग के भक्तन रो, दुनिया में अपार।
धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ, पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
मेवाड़ी माटी बोले, हर श्वास में शिव नाम, तेरी महिमा के आगे, झुक जाए ये धाम।
चरणन में पावन गंगा, माथे चंदन रो तिलक, जो धणी तुझने पावे, सो पावे मोक्ष फल।
धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ,
Rajasthani Bhajan Lyrics Hindi
पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
नृप हों या रंक, सब तेरो नाम जपे, कर्म की तलवार से, पापों की जड़ कटे।
माटी के कन कन में, बसे तेरो तेज, हर योद्धा के हृदय में, धड़कतों शिव काज।
धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ, पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
तेरी छाया में जग बिसराए, तेरी मूरत में आत्मा रम जाए, मेवाड़ की धरती पर, तेरो अखंड राज, भक्त के जीवन में, तेरो ही समाज।
धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ, पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
धणी धरा मेवाड़ रो, स्वामी एकलिंग नाथ, पुजू तुझ परमेश्वरा, सदा रहिजो साथ।
एकलिंग नाथ मेवाड़ के अधिष्ठाता देवता हैं जो भगवान शिव का ही रूप है। उनका भव्य मंदिर राजस्थान के उदयपुर के पास कैलाशपुरी में स्थित है। मेवाड़ के राजाओं ने उन्हें अपना स्वामी माना और खुद को उनके सेवक रूप में रहे। मंदिर में भगवान शिव की चारमुखी शिवलिंग की दिव्य प्रतिमा विराजमान है। हम सब उनसे अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की विनती करते हैं। जय एकलिंग नाथ जी।
धणी धरा मेवाड़ रो | एकलिंग नाथ भजन | Mewar Ke Swami Ekling Ji | शिव भक्ति गीत | New Shiv Bhajan 2025
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