मैं उड़ाता हूं रंग प्रेम के तरंग से अपने सृष्टि सजाता
मैं उड़ाता हूं रंग प्रेम के,
तरंग से अपने सृष्टि सजाता,
प्रेम उड़ाता प्रेम लुटाता,
सृष्टि को सुंदर शिवमय बनाता।
रंग न कोई लाल न पीला,
प्रेम का बस एक ही रंग,
जिसने इसे ओढ़ लिया,
हुआ वो शिव के संग।
ना भेद कोई ना द्वेष रहे,
सबमें बस शिव समाए,
जिस मन ने इस रंग को छू लिया,
वो तृप्त हुआ मुस्काए।
मैं उड़ाता हूं रंग प्रेम के,
तरंग से अपने सृष्टि सजाता,
प्रेम उड़ाता प्रेम लुटाता,
सृष्टि को सुंदर शिवमय बनाता।
काल नाचे तांडव करके,
फिर भी प्रेम बहाए,
भस्म रमे इस तन पर लेकिन,
प्रीत से जोड़े रिश्ते नए।
शिव के मन का एक ही धागा,
प्रेम से सबको बांधे,
सांस-सांस में शिव का प्रेम,
हर हृदय में कांधे।
मैं उड़ाता हूँ रंग प्रेम के,
तरंग से अपने सृष्टि सजाता,
प्रेम उड़ाता प्रेम लुटाता,
सृष्टि को सुंदर शिवमय बनाता।
वेद भी जिस प्रेम को बोले,
ऋषि जिसे गाते आए,
नंदी-गण भी झूम रहे,
जब शिव प्रेम बरसाए।
जो प्रेम बने गंगा सा पावन,
जो हर मन को धो जाए,
जिसमें न कोई मेरा तेरा,
बस शिव का नाम समाए।
मैं उड़ाता हूं रंग प्रेम के,
तरंग से अपने सृष्टि सजाता,
प्रेम उड़ाता प्रेम लुटाता,
सृष्टि को सुंदर शिवमय बनाता।
शिव दिव्य हैं। इनका प्रेम एक पवित्र रंग है, जो भेदभाव और द्वेष को मिटाकर हर हृदय को शिवमय बना देता है। शिव का प्रेम तांडव के बीच भी प्रवाहित होता है, जो जीवन में नई ऊर्जा और संबंधों की डोर को जोड़ता है। वेदों और ऋषियों द्वारा गाए गए इस प्रेम में आत्मा की पवित्रता समाहित है, जो गंगा की तरह मन को शुद्ध करता है। प्रेम को ही शिव का असली स्वरूप बताया गया है, जो संपूर्ण सृष्टि को सुंदर और मंगलमय बना देता है। जय शिव शक्ति।
Shiv Bhajan | मैं उड़ाaता हूँ रंग प्रेम के | Mahakal Bhajan | Shiva Devotional Song | Bhajan Marg
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।
|