दूरो मैं चलके आया तेरे दरबार मां
दूरो मैं चलके आया तेरे दरबार मां
मैं चल के आया तेरे दरबार मां
(शेरावाली माता रानी भजन)
(मुखड़ा)
मैं चल के आया तेरे दरबार मां,
सोहना सोहना तेरा दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को,
मां दास खड़ा है तेरे दर्शन को।
ऊँचिया पहाड़ां वाली, शेरा वाली,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
1. दूर दूर से भगत तेरे द्वारे आते हैं
दूर दूर से मां, भगत तेरे द्वारे आते हैं,
तेरे द्वारे आके, प्रेम से दर्शन पाते हैं।
भगतों के लिए मैया, तू है आधार मां,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
2. ध्यानु जैसे भगत तूने लाखों तारे हैं
ध्यानु जैसे मां, भगत तूने लाखों तारे हैं,
मधु-कैटभ जैसे राक्षस तूने मारे हैं।
ऊँचे पर्वत पे विराजे, तू शेरों की सवारी,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
3. अकबर हंकारी मां तुझे आज़माने आया था
अकबर हंकारी मां, तुझे आज़माने आया था,
तेरी ज्योत बुझाने लोहे का तबा चढ़ाया था।
तवा फाड़ निकली ज्वाला, गूंज उठी जयकार,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
(अंतिम पंक्ति – पुनरावृत्ति)
दास खड़ा है तेरे दर्शन को,
मां दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
(शेरावाली माता रानी भजन)
(मुखड़ा)
मैं चल के आया तेरे दरबार मां,
सोहना सोहना तेरा दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को,
मां दास खड़ा है तेरे दर्शन को।
ऊँचिया पहाड़ां वाली, शेरा वाली,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
1. दूर दूर से भगत तेरे द्वारे आते हैं
दूर दूर से मां, भगत तेरे द्वारे आते हैं,
तेरे द्वारे आके, प्रेम से दर्शन पाते हैं।
भगतों के लिए मैया, तू है आधार मां,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
2. ध्यानु जैसे भगत तूने लाखों तारे हैं
ध्यानु जैसे मां, भगत तूने लाखों तारे हैं,
मधु-कैटभ जैसे राक्षस तूने मारे हैं।
ऊँचे पर्वत पे विराजे, तू शेरों की सवारी,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
3. अकबर हंकारी मां तुझे आज़माने आया था
अकबर हंकारी मां, तुझे आज़माने आया था,
तेरी ज्योत बुझाने लोहे का तबा चढ़ाया था।
तवा फाड़ निकली ज्वाला, गूंज उठी जयकार,
तेरा दरबार मां, सोहना दरबार मां।
दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
(अंतिम पंक्ति – पुनरावृत्ति)
दास खड़ा है तेरे दर्शन को,
मां दास खड़ा है तेरे दर्शन को…
Duro Main Chalake Aaya Tere Darbar Bhajan-दूरो मैं चलके आया, तेरे दरबार मां जय मां इस सुन्दर भजन को जरूर सुने
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
माँ शेरावाली का दरबार प्रेम और शक्ति का वह पावन स्थल है, जहाँ हर भक्त का मन श्रद्धा से झुक जाता है। ऊँचे पहाड़ों पर विराजी माँ की ज्योत हर दूर से आए भक्त को आधार देती है, जैसे सूरज हर अंधेरे को रोशन करता हो। ध्यानु जैसे भक्तों को तारने वाली और मधु-कैटभ जैसे राक्षसों का संहार करने वाली माँ की शक्ति अजेय है। अकबर के अहंकार को चूर करने वाली उनकी ज्वाला सिखाती है कि सच्ची शक्ति प्रेम और विश्वास में है। यह दरबार वह ठौर है, जहाँ दास की पुकार कभी खाली नहीं जाती, और माँ के दर्शन से मन को असीम शांति और आनंद मिलता है। सच्ची भक्ति यही है कि माँ के चरणों में सिर झुकाकर उनके प्रेम में डूब जाया जाए।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
