बिहारी के दोहे जानिये सरल अर्थ
बिहारी के दोहे जानिये सरल हिंदी अर्थ सहित कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल। कहुँ मुरली कहुँ पीतपटु कहूँ मुकुट बनमाल॥ लटकि लटकि लटकतु च...
बिहारी के दोहे जानिये सरल हिंदी अर्थ सहित कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल। कहुँ मुरली कहुँ पीतपटु कहूँ मुकुट बनमाल॥ लटकि लटकि लटकतु च...
बिहारी के दोहे जानिए सरल हिंदी अर्थ सहित लखि लोइन लोइननु कौं को इन होइ न आज। कौन गरीब निवाजिबौ कित तूठ्यौ रतिराज॥ मन न धरति मेरौ कह्यौ...
महाकवि बिहारीलाल की रचनाएं 1. अलि हौं तो गई जमुना जल को, सो कहा कहौं वीर! विपत्ति परी अलि हौं तो गई जमुना जल को, सो कहा कहौं वीर! विपत्ति ...
बिहारी के दोहे हिंदी अर्थ सहित अजौ तरौना ही रह्यो सुति सेवत इक अंग । नाक बास बेसर लहयो बसि मुकुतन के संग॥ हिंदी अर्थ / भावार्थ : इस दोहे...