शरद पूनम की या रात चाँदनी लिरिक्स
शरद पूनम की या रात चाँदनी लिरिक्स Sharad Poonam Ki Ya Raat Chandani विरहणी दे संदेशरो, सुनो हमारे पीव, जल बिन मछली क्यों जिये, वो पानी में...
शरद पूनम की या रात चाँदनी लिरिक्स Sharad Poonam Ki Ya Raat Chandani विरहणी दे संदेशरो, सुनो हमारे पीव, जल बिन मछली क्यों जिये, वो पानी में...
सतगुरू देव मनाया हमने कबीर सब घट आत्मा, और सिरजी सिरजनहार, अरे राम कहे सो राम संग, और रहता भ्रम विचार। एजी सतगुरु आत्म दृष्टि है, और इन्द्र...
बाणी रे बाणी म्हारा गुरु की निसाणी आसमान का आसरा छोड़ प्यारे, उलटके घट देखिये अपणा जी। तू आप में आप तहकीत कर ले, मिट जाये मन की कलपना जी। ...
म्हारां सद्गुरु है रंगरेज चुनर मोरी रंग डारी कबीर खड़े बाजार में, सबकी चाहे खैर । ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर।। खेल ब्रह्मांड का इस ...
गुरुजी के चरणों में रहना भाई चेला श्री प्रहलाद सिंह टिपानिया जी ने कबीर भजन के माध्यम से गुरु की महिमा को स्थापित करते हुए समझाया है की गुरु...
कबीर भजन "शबद सबन से न्यारा" : यह भजन श्री प्रहलाद सिंह टिपानिया जी के द्वारा गाया गया है जिसमे सतगुरु साहेब की वाणी है की बाह्य क...
अवधू भजन भेद है न्यारा प्रहलाद सिंह टिपानिया कबीर भजन अलख लखा लालच लगा, कहत न आवै बैन, निज मन धसा सरूप में, सदगुरू दीन्ही सैन। उनमुन लगी आ...
म्हारा सद्गुरु है रंगरेज चुनर मोरी रंग डारी भजन कबीर खड़े बाजार में, सबकी चाहे खैर, ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर ।। खेल ब्रह्मांड क...
चेत रे नर चेत भजन जागो जुगा का भाई जागो जुगा रा जिवडा रे, सुतोडा जागो, सुतोडा जागो रे, मन महीला ने मारो रे, जागों जुगा रा, जागो म्हारा हं...
ज़रा हलके गाड़ी हांको कबीर भजन प्रहलाद सिंह टिपानिया धीरे धीरे रे मना, और धीरे सब कुछ होए माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आये फल होए ज़रा हल्के ...