फागुन अधुरा सूरजगढ़ निशान के बिना लिरिक्स, Fagun Adhura Lyrics
दरबार अधुरा बाबा का हनुमान के बिना,
फागुन अधुरा सूरजगढ़ निशान के बिना,
कहती है दुनियां सारी है ध्वज की महिमा न्यारी,
और राह देखते इसकी देखो खुद श्याम बिहारी,
है भगत अधुरा जैसे भगवान के बिना,
फागुन अधुरा....
कई शहर घूमके जाता फिर खाटू धाम को आता,
और शिखर बंद पे सदके मेले की शान बडाता,
परिवार अधुरा जैसे संतान के बिना,
फागुन अधुरा....
अब ऋषि इत्नु तू चाहे जीवन को धन्ये बनाना,
जब भी मौका मिल जाए सूरजगढ़ जरुर आना,
दातार अधुरा जैसे कन्या दान के बिना,
फागुन अधुरा.....
इस भजन में, भक्त खाटू श्याम जी और उनके हनुमान जी के बीच के संबंधों को दर्शाते हैं। वे कहते हैं कि श्याम जी के दरबार में हनुमान जी की उपस्थिति अनिवार्य है। वे कहते हैं कि फागुन का महीना भी सूरजगढ़ के निशान के बिना अधूरा है। भक्त कहते हैं कि श्याम जी के दरबार में हनुमान जी की उपस्थिति अनिवार्य है। वे कहते हैं कि हनुमान जी श्याम जी के सबसे वफादार भक्त हैं। वे कहते हैं कि हनुमान जी की उपस्थिति से श्याम जी के दरबार में भक्तों को सुरक्षा और आशीर्वाद मिलता है।