है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा लिरिक्स Hai Janmdin Sanware Ka Lyrics


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है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा लिरिक्स Hai Janmdin Sanware Ka Lyrics

है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा,
खाटू नगरी सज रही है जैसे दुल्हन हो सजी,
घर घर में बाबा के नाम की खुशियों की ताली बजी,
बाँट लो मिल कर ये खुशियां दिल बधाई दे रहा,
है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा,

पलना झूले श्याम बाबा माँ जुलाये हर घडी,
होती हर पल प्रेम वर्षा जब घुमाये मोर छड़ी,
नजर उतरो श्याम तेरी दिल बधाई दे रहा,
है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा,

बांटने दुनिया बधाई आई तेरे दवार पे,
तन मन धन सब तुझपे अर्पण तेरे इक दीदार पे,
पलके खोलो श्याम बाबा दिल विदाई दे रहा,
है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा,

सांवरे से नजर मिली है मेरा दिल सुध खो रहा माया,
माया से अभ मोहन रीजे तेरा दीवाना हो रहा,
सोहनी ख़ुशी से रो रहा है दिल बधाई दे रहा,
है जनम दिन सांवरे का दिल बधाई दे रहा,


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2 टिप्पणियां

  1. Kripya sahi jankari Internet par bheje baba shayam ghatotkachha ke putra nahi hai bheem ke tatha naglok ki rajkumari ahilvati ke putra hai Kripya jankari ko jald se jald sahi kare
  2. बर्बरीक महान पाण्डव भीम के पुत्र घटोत्कच और नाग कन्या अहिलवती के पुत्र थे। कहीं-कहीं पर मुर दैत्य की पुत्री 'कामकंटकटा' के उदर से भी इनके जन्म होने की बात कही गई है। इनके जन्म से ही बर्बराकार घुंघराले केश थे, अत: इनका नाम बर्बरीक रखा गया। वह दुर्गा का उपासक था। कृष्ण की सलाह पर इसने गुप्त क्षेत्र तीर्थस्थल में दुर्गा की आराधना की। उसने आराधना में विघ्न डालने वाले पलासी आदि दैत्यों का संहार किया। एक बार वह अपने पितामह भीम से भी भिड़ गया था।