क्षमा करो मेरी भूल हुई शनि देवा भजन

क्षमा करो मेरी भूल हुई शनि देवा भजन

क्षमा करो मेरी भूल हुई शनि देवा,
हम आये तेरे दवार हम करे तेरी पुकार,
करे तन मन से तेरी सेवा,
क्षमा करो......

जीवन रथ का तू ही सारथी,
जन्म जन्म हो तेरी आरती,
हम आये तेरे दवार हम तेरी करे पुकार,
प्रभु तन मन से तेरी सेवा,
मेरी भूल हुई शनि देवा,
क्षमा करो......

अगाथ तेरी माया शक्ति संकट पीड़ा से दो मुक्ति,
हम आये तेरे दवार हम तेरी करे पुकार,
प्रभु तन मन से तेरी सेवा,
मेरी भूल हुई शनि देवा,
क्षमा करो......

अहंकार तो जल गया सारा तेरे बिना न मुझे कोई ना चारा,
हम आये तेरे दवार हम तेरी करे पुकार,
प्रभु तन मन से तेरी सेवा,
मेरी भूल हुई शनि देवा,
क्षमा करो......

सुन्दर भजन में श्री शनिदेव के प्रति विनम्र प्रार्थना और आत्मसमर्पण का गहन भाव प्रकट होता है। जब व्यक्ति अपने जीवन के संघर्षों से जूझता है और अपनी त्रुटियों को स्वीकार करता है, तब श्री शनिदेव की उपासना उसे आत्म-सुधार का अवसर प्रदान करती है। यह भजन अहंकार के त्याग और शुद्ध भक्ति की अनुभूति को दर्शाता है, जहाँ भक्त अपने तन-मन को समर्पित कर शनिदेव से क्षमा की प्रार्थना करता है।

श्री शनिदेव कर्मों के न्याय करने वाले देवता हैं—वे किसी को अन्यायपूर्ण दंड नहीं देते, बल्कि व्यक्ति को अपने कर्मों का सत्य दिखाते हैं। सुन्दर भजन में यह भाव स्पष्ट होता है कि जब कोई भक्त अपनी भूलों को स्वीकार कर सच्चे मन से उनकी शरण में आता है, तब उनकी कृपा से सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्त का जीवन दिव्यता से भर जाता है।

अहंकार का त्याग और आत्मनिरीक्षण इस भजन का मूल संदेश है। जब व्यक्ति शनिदेव की आराधना करता है, तो उसे यह समझ आता है कि जीवन की कठिनाइयाँ केवल बाहरी परिस्थितियाँ नहीं, बल्कि आत्मा की परख भी होती हैं। शनिदेव की कृपा से ही व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता प्राप्त करता है।

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