नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम का अर्थ Om Nilanjana Samabhasam Hindi Meaning Shani Mantra
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
Om Nilanjana Samabhasam Ravi Putram Yamagrajam |
Chhaya Martanda Samhubhutam Tama Namami Shanescharam ||
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम हिंदी मीनिंग Neelanjan Samabhaasam Raviputram Hindi Meaning.
मैं श्री शनि देव को नमन करता हूँ। मैं भगवान शनि देव को नमन करता हूं, जो एक नीले पर्वत के रूप में चमक रहे हैं, नीले रंग के समान चमक रहे हैं। श्री शनि देव काले रंग के हैं। सूर्य देव मार्तण्ड (सूर्य देव का दूसरा नाम) के पुत्र हैं। श्री शनि देव छाया (माता ) से पैदा हुए हैं। श्री शनि देव यम देव के भाई हैं, जो बहुत ही धीरे धीरे चलते हैं।नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम शब्दार्थ Neelanjan Samabhaasam Raviputram Word Meaning Hindi (Shani Mantra)
नीलांजन-नीले रंग का, ताम्बे के रंग का, तूतिया। यह संस्कृत भाषा का मूल शब्द है।
समाभासं - के समान (शनि देव नीले रंग में चमक रहे हैं )
रविपुत्रं - रवि के पुत्र, सूर्य के पुत्र (आप श्री शनि रवि पुत्र हैं )
यमाग्रजम-यम के अग्रज (भाई) हैं।
छाया-छाया (श्री शनि देव की माता)
मार्तण्ड-भगवान सूर्य (श्री सूर्य देव का एक नाम )
सम्भूतं-उत्पन्न होना, पैदा होना (born from; originated from संभूतिsambhūti birth, origin )
तं - को।
नमामि -अभिवादन, झुककर सम्मान प्रकट करना, नमन करना to bow down.
शनैश्चरम् - श्री शनि देव (धीरे धीरे गमन करने वाले )
शनि मन्त्र ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं के फायदे/लाभ Shani Mantra Om Neelanja Sambhasam Raviputram Benefits
शनिवार का दिन विशेष रूप से भगवान शनिदेव को समर्पित होता है, जिन्हें न्याय और कर्मफल के देवता माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में शनि का प्रभाव विपरीत हो, तो जीवन में कई कठिनाइयां आ सकती हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए, सावन और शनिवार का समय अत्यधिक शुभ माना जाता है। इन दिनों में शनि मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, और खुशहाली आती है।
शनि दोष निवारण मंत्र:
"ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।"
"ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।"
शनि का पौराणिक मंत्र:
"ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।"
शनि महामंत्र:
"ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।"
शनि का वैदिक मंत्र:
"ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।।"
शनि गायत्री मंत्र:
"ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।"
तांत्रिक शनि मंत्र:
"ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।"
सामान्य शनि मंत्र:
"ॐ शं शनैश्चराय नमः।।"
मंत्र जाप विधि:
शनिवार के दिन, प्रातःकाल स्नान करके साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल की सफाई करें और शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर पर नीले फूल चढ़ाएं। कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से किसी एक मंत्र का पाँच माला जाप करें। इस विधि से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है।
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
अर्थ: जो नीलमणि के समान दिखाई देते हैं, सूर्य के पुत्र और यमराज के अग्रज हैं। जो छाया और सूर्य के संयोग से उत्पन्न हुए हैं, उन शनैश्चर (शनि देव) को मैं प्रणाम करता हूँ। यह श्लोक शनि देव की स्तुति के लिए सर्वश्रेष्ठ है, जिससे उनके शुभ आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
शनिदेव मूल मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः॥
मंत्र का अर्थ: हे सर्व कर्मों के फल देने वाले शनिदेव, हमारे पापों का नाश करें और शुभ फल प्रदान करें। हम आपको नमन करते हैं।
लाभ:
- इस मंत्र के नियमित जाप से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- यह मंत्र शनि ग्रह की अशुभ दृष्टि को शांत करता है।
- व्यक्ति को कर्म के अनुसार शुभ फल प्राप्त होता है।
2. श्री शनिदेव ग्रह शांति मंत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
मंत्र का अर्थ:
जिनका वर्ण नीले रंग जैसा है, जो सूर्य और छाया के पुत्र हैं तथा यमराज के बड़े भाई हैं। ऐसे शनिदेव को बारंबार प्रणाम।
लाभ:
- इस मंत्र का जाप शनि दोष और साढ़े साती के प्रभाव को कम करता है।
- कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
- साढ़े साती से परेशान जातकों को इस मंत्र का 23,000 बार जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
3. शनिदेव गायत्री मंत्र
ॐ काकध्वजाय विद्महे,
खड्गहस्ताय धीमहि।
तन्नो मन्दः प्रचोदयात्॥
मंत्र का अर्थ: जिनका वाहन कौआ है, जो हाथ में खड्ग धारण करते हैं, मैं ऐसे शनिदेव का ध्यान करता हूं। मंद गति से चलते हुए वे हमें अपनी शरण प्रदान करें।
लाभ:
- इस मंत्र के जाप से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- शनि ग्रह की कृपा से सभी प्रकार के कष्ट और दुर्भाग्य का नाश होता है।
- इस मंत्र से व्यक्ति को आत्मविश्वास और मनोबल प्राप्त होता है।
- शनिदेव के मंत्र जाप के कुछ विशेष नियम:
- मंत्रों का जाप शनिवार के दिन सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करना चाहिए।
- शनि देव की पूजा में सरसों का तेल, काले तिल, और नीले या काले वस्त्र का विशेष महत्व है।
- पूजा करते समय सच्चे मन और श्रद्धा का भाव रखें।
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Author - Saroj Jangir
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