अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता।
जबसे मिली है दया हमको इनकी,
तो राहें बदल दी मेरी ज़िन्दगी की।
नज़ारे करम का इशारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
इन्ही के सहारे जीए जा रहे है,
नाम का अमृत पीए जा रहे हैं।
मेरा बिगड़ा जीवन संवारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
कोई नहीं था दुनिया में अपना,
कन्हिया से मिलना लगता है सपना।
कन्हिया ने हमको जो पुकारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
भवर में थी नैया, दिया है किनारा,
इन्ही की कृपा से चले है गुजारा।
कृपा भरी दृष्टि से निहारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
अगर श्याम सुंदर का सहारा ना होता
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता।
जबसे मिली है दया हमको इनकी,
तो राहें बदल दी मेरी ज़िन्दगी की।
नज़ारे करम का इशारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
इन्ही के सहारे जीए जा रहे है,
नाम का अमृत पीए जा रहे हैं।
मेरा बिगड़ा जीवन संवारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
कोई नहीं था दुनिया में अपना,
कन्हिया से मिलना लगता है सपना।
कन्हिया ने हमको जो पुकारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
भवर में थी नैया, दिया है किनारा,
इन्ही की कृपा से चले है गुजारा।
कृपा भरी दृष्टि से निहारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
अगर श्याम सुंदर का सहारा ना होता
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता
भावार्थ
यह भजन भगवान कृष्ण की कृपा और दया का वर्णन करता है। भक्त कहता है कि अगर कृष्ण का सहारा ना होता तो वह इस दुनिया में अकेला और निराश होता। कृष्ण की कृपा से ही उसकी जिंदगी में खुशियां आई हैं और वह उनके नाम का जाप कर पा रहा है। कृष्ण के बिना उसका जीवन अधूरा होता।
व्याख्या
भजन के पहले दो श्लोकों में भक्त कहता है कि अगर कृष्ण का सहारा ना होता तो वह इस दुनिया में अकेला होता। कृष्ण की कृपा से ही उसकी जिंदगी में खुशियां आई हैं। कृष्ण की दया से ही उसकी राहें बदल गईं और उसका बिगड़ा जीवन संवर गया।
तीसरे श्लोक में भक्त कहता है कि अगर कृष्ण ना होते तो उसे दुनिया में कोई अपना नहीं होता। कृष्ण की कृपा से ही उसे कन्हैया से मिला है। कृष्ण की पुकार के बिना वह इस दुनिया में अकेला और निराश होता।
चौथे श्लोक में भक्त कहता है कि अगर कृष्ण ना होते तो वह इस दुनिया में भटकता रहता। कृष्ण की कृपा से ही उसकी नैया को किनारा मिला है। कृष्ण की कृपा से ही वह इस दुनिया में गुजारा कर पा रहा है।
भजन के अंत में भक्त फिर से कहता है कि अगर कृष्ण ना होते तो वह इस दुनिया में अकेला और निराश होता। कृष्ण की कृपा से ही उसका जीवन संवर गया है।
शब्दार्थ
श्याम सुंदर - भगवान कृष्ण
सहारा - मदद, सहायता
दया - कृपा
राहें बदल दी - जीवन में सुख और समृद्धि आई
नज़ारे करम का इशारा - कृष्ण की कृपा का संकेत
बिगड़ा जीवन संवारा - जीवन में सुधर आया
अपना - प्रियजन
सपना - आशा
पुकारा - बुलाया
भवर - मुश्किल समय
किनारा - सहारा
कृपा भरी दृष्टि से निहारा - प्रेम से देखा
संगीत
यह भजन एक लोकप्रिय भजन है जिसे कई गायकों ने गाया है। यह एक धीमी गति वाला भजन है और इसमें राग भैरवी का प्रयोग किया जाता है।
श्री कृष्ण को श्याम इसलिए कहते हैं क्योंकि उनका रंग श्याम था। उनकी त्वचा का रंग काले बादल जैसा था। वे अक्सर श्याम वस्त्र पहनते थे, इसलिए उन्हें श्याम नाम से भी जाना जाता है।
श्री कृष्ण जी के १० नाम और उनका वृहद् अर्थ निम्नलिखित हैं:
श्री कृष्ण जी के १० नाम और उनका वृहद् अर्थ निम्नलिखित हैं:
- कृष्ण: कृष्ण का अर्थ है काला या अंधकार। श्री कृष्ण का रंग श्याम था, इसलिए उन्हें कृष्ण कहा जाता है।
- कन्हैया: कन्हैया का अर्थ है काले बालों वाला। श्री कृष्ण के बाल काले थे, इसलिए उन्हें कन्हैया कहा जाता है।
- गोपाल: गोपाल का अर्थ है गाय का रक्षक। श्री कृष्ण बचपन में गायों को चराने के लिए वन में जाते थे, इसलिए उन्हें गोपाल कहा जाता है।
- वासुदेव: वासुदेव का अर्थ है देवताओं का स्वामी। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए उन्हें वासुदेव कहा जाता है।
- मदनमोहन: मदनमोहन का अर्थ है कामदेव को मोहित करने वाला। श्री कृष्ण का रूप-सौंदर्य इतना मनमोहक था कि उन्होंने कामदेव को भी मोहित कर लिया था।
- राधाकृष्ण: राधाकृष्ण का अर्थ है राधा और कृष्ण। श्री कृष्ण और राधा दोनों प्रेम के प्रतीक हैं, इसलिए उन्हें राधाकृष्ण कहा जाता है।
- हरि: हरि का अर्थ है हराया हुआ। भगवान विष्णु ने कई राक्षसों को हराया है, इसलिए उन्हें हरि कहा जाता है।
- नारायण: नारायण का अर्थ है जल में रहने वाला। भगवान विष्णु का निवास स्थान जल है, इसलिए उन्हें नारायण कहा जाता है।
- विष्णु: विष्णु का अर्थ है व्यापक या सर्वव्यापी। भगवान विष्णु सभी प्राणियों और समस्त सृष्टि में व्याप्त हैं, इसलिए उन्हें विष्णु कहा जाता है।