चल अकेला चल अकेला चल अकेला,
तेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला,
हजारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलाते,
यहाँ दुखड़े सहने के, वास्ते तुझको बुलाते,
है कौन सा वो इन्सान यहाँ पे,
जिसने दुःख ना झेला,
चल अकेला चल अकेला चल अकेला।
तेरा कोई साथ न दे तो
तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिचौना धरती को करके
अरे आकाश ओढ़ ले
पूरा खेल अभी जीवन का
तूने कहाँ है खेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला
तेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला,
हजारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलाते,
यहाँ दुखड़े सहने के, वास्ते तुझको बुलाते,
है कौन सा वो इन्सान यहाँ पे,
जिसने दुःख ना झेला,
चल अकेला चल अकेला चल अकेला।
तेरा कोई साथ न दे तो
तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिचौना धरती को करके
अरे आकाश ओढ़ ले
पूरा खेल अभी जीवन का
तूने कहाँ है खेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला,
तेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला,
हजारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलाते,
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते,
है कौन सा वो इन्सान यहाँ पे,
जिसने दुःख ना झेला,
चल अकेला चल अकेला चल अकेला।
Chal Akela Chal Akela with lyrics | चल अकेला चल अकेला | Mukesh | Sambandh
"चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला" एक हिंदी फिल्म गीत है जिसे कवि प्रदीप ने लिखा था और जिसे ओमकार प्रसाद नैय्यर ने संगीत दिया था। यह गीत 1969 की फिल्म "संबंध" के लिए लिखा गया था। इसे मुकेश ने गाया था।
गीत की शुरुआत एक भव्य और शक्तिशाली धुन के साथ होती है। गीतकार एक व्यक्ति को संबोधित करता है और उसे अकेले चलने के लिए कहता है। वह उसे बताता है कि जीवन में दुख और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
गीत की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:
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गीत की शुरुआत एक भव्य और शक्तिशाली धुन के साथ होती है। गीतकार एक व्यक्ति को संबोधित करता है और उसे अकेले चलने के लिए कहता है। वह उसे बताता है कि जीवन में दुख और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
गीत की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:
चल अकेला, चल अकेला, चल अकेलागीत एक प्रेरणादायक और शक्तिशाली गीत है। यह गीत हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपने आप पर भरोसा करना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला
हज़ारो मील लंबे रास्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते
है कौनसा वो इंसान यहाँपर जिसने दुःख ना झेला
तेरा कोई साथ ना दे तो तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को कर के अरे आकाश ओढ़ ले
यहाँ पूरा खेल अभी जीवन का तूने कहाँ है खेला
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