चालो खाटू धाम के आयो फागणियो

चालो खाटू धाम के आयो फागणियो

चालो खाटू धाम के,
आयो फागणियो,
सोचे क्या नादान,
बुलावे श्याम,
के आइयो फागणियो।

खाटू में तो खुशियों की,
उड़ रही गुलाल रे,
सावन के मयूरों का सा,
है भगतो का हाल रे,
छोड़ दे सारे काम,
बुलाये श्याम,
के आइयो फागणियो,
चालो खाटू धाम के,
आयो फागणियो,
सोचे क्या नादान,
बुलावे श्याम,
के आइयो फागणियो।

श्याम के दीवानो के,
हाथो में निशान है,
आँखों में तो खुशियों,
लबों पे मुस्कान है,
पाएगा आराम,
बनेंगे काम,
के आइयो फागणियो,
चालो खाटू धाम के,
आयो फागणियो,
सोचे क्या नादान,
बुलावे श्याम,
के आइयो फागणियो।

बाबा को दिखा दे,
तेरे दुखड़ो की किताब रे,
साल भर का कर ले तू,
फागन में हिसाब रे,
बात ये मेरी मान,
बुलाये श्याम,
के आइयो फागनियो,
चालो खाटू धाम के,
आयो फागणियो,
सोचे क्या नादान,
बुलावे श्याम,
के आइयो फागणियो।

सोचे क्या दीवाने,
तू करे क्या विचार रे,
खाटू बैठा बाबा,
करे है इंतज़ार रे,
बोल तू जय श्री श्याम,
आठो याम
चालो खाटू धाम के,
आयो फागणियो,
सोचे क्या नादान,
बुलावे श्याम,
के आइयो फागणियो। 

 Chalo Khatu Dham Bulave Shyam || Special Khatu Shyam Bhajan || Rajani Rajasthani #Skylark

फागुन का मास आते ही भक्तों के हृदय में एक अनोखी उमंग जाग उठती है, जब प्रभु का बुलावा खाटू धाम की ओर खींचता है। यह वह समय है जब भक्त अपने सारे सांसारिक कार्यों को छोड़कर, प्रभु के चरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को आतुर हो उठता है। खाटू धाम की वह पवित्र भूमि, जहाँ हर ओर भक्ति का रंग बिखरता है, और भक्तों का हृदय उसी प्रभु के प्रेम में रंग जाता है, मानो सावन के मोर नृत्य कर रहे हों। यहाँ हर भक्त का मन उल्लास और आनंद से भर जाता है, क्योंकि वह जानता है कि प्रभु का आलिंगन उसे हर दुख से मुक्ति और सुख की प्राप्ति कराएगा। यह यात्रा केवल एक स्थान की ओर नहीं, बल्कि उस आध्यात्मिक आनंद की खोज है, जो भक्त को प्रभु के और करीब लाती है।

इस पवित्र धाम में भक्त अपने सारे दुखों और चिंताओं को प्रभु के समक्ष रख देता है, यह विश्वास रखते हुए कि वहाँ उसकी हर पुकार सुनी जाएगी। प्रभु के दर्शन और उनकी कृपा से भक्त का मन शांति और संतुष्टि से भर जाता है, और उसके चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है। यह वह स्थान है, जहाँ भक्त अपनी जीवन की किताब खोलकर प्रभु से हिसाब माँगता है, और प्रभु की कृपा से उसके सारे कार्य सिद्ध होते हैं। यह भक्ति का वह उत्सव है, जहाँ हर भक्त अपने मन की बात प्रभु से कहता है, और उनके प्रेम में डूबकर अपने जीवन को नई दिशा देता है। यहाँ आकर भक्त को लगता है कि उसका प्रभु सदा उसका इंतज़ार कर रहा है, और उसकी हर पुकार को सुनने के लिए तत्पर है। यह विश्वास ही भक्त को बार-बार खाटू धाम की ओर खींच लाता है, जहाँ वह अपने प्रभु के साथ एक अनन्य बंधन महसूस करता है।

सांवरे यानी श्रीकृष्ण या खाटू श्याम जी की कृपा से आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सकता है। पौराणिक कथाओं और भक्तों के अनुभवों के अनुसार, जब-जब कोई भक्त सच्चे मन से सांवरे की शरण में जाता है और उनकी भक्ति करता है, तो भगवान उसकी हर समस्या का समाधान करते हैं, चाहे वह आर्थिक संकट हो या जीवन की कोई अन्य कठिनाई। श्रीकृष्ण ने स्वयं बर्बरीक (खाटू श्याम) को वरदान दिया था कि कलियुग में जो भी हारकर, दुखी या संकट में तुम्हारे पास आएगा, उसकी सहायता अवश्य होगी और उसकी समस्याएँ दूर होंगी।

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