श्याम की दीवानी मीरा लिरिक्स Shyam Ki Diwani Meera Lyrics

श्याम की दीवानी मीरा लिरिक्स Shyam Ki Diwani Meera Lyrics, Krishna Meera Bhajan

 
श्याम की दीवानी मीरा लिरिक्स Shyam Ki Diwani Meera Lyrics

पीर सासरो छोड़ दियो जी,
एक नहीं मानी रे
श्याम की दीवानी मीरा,
कृष्ण की दीवानी रे,
पीर सासरो छोड़ दियो जी,
एक नहीं मानी रे।

जहर का प्याला राणा ने भेजा,
तनिक नही घबराई रे,
निरख निरख कर रूप श्याम को,
पी गई मीरां बाई रे ,
अमृत बन गया जहर का प्याला,
किसी से ना छानी रे,
श्याम की दीवानी मीरा,
कृष्ण की दीवानी रे,
पीर सासरो छोड़ दियो जी,
एक नहीं मानी रे।

छोड़ दियो चित्तोड़ मीरा ने,
वृन्दावन मैं आगी रे ,
संतो के संग सतसंगत मैं,
झुमके नाचण लागी रे ,
गोपी का अवतार है मीरां,
संतो ने पिछाणी रे ,
श्याम की दीवानी मीरा,
कृष्ण की दीवानी रे,
पीर सासरो छोड़ दियो जी,
एक नहीं मानी रे।

विरह वेदना बढ़ती गई तब,
हुक हिये मैं जागी रे,
धाम द्वारिका जाकर मीरां,
गिरधर मैं ही समागी रे,
प्रेम की अद्भुद माया देखी,
पप्पूशर्मा जानी रे,
श्याम की दीवानी मीरा,
कृष्ण की दीवानी रे,
पीर सासरो छोड़ दियो जी,
एक नहीं मानी रे। 
 

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