लोकसभा चुनाव २०१९ में प्रचंड बहुमत के बाद मोदी जी के भाषण के मायने

लोकसभा चुनाव २०१९ में प्रचंड बहुमत के बाद मोदी जी के भाषण के मायने


लोकसभा चुनाव २०१९ के परिणामों में सफलता के बाद नरेंद्र मोदी ने जो भाषण बीजेपी के दिल्ली स्थित कार्यालय से दिया वो अपने आप में ऐतिहासिक है और सरकार के आगामी विज़न को दर्शाता है। मोदी ने कहा की सत्ता में रहकर ही लोगों की सेवा की जा सकती है और इससे बेहतर कोई अन्य मार्ग नहीं हैं। लोगों ने बीजेपी पर भरोषा किया है जिसके लिए उनको लोगों का विश्वाश जितना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की वो कोई भी काम बदनीयती से नहीं करेंगे हो सकता है की उनसे कोई गलती हो जाय लेकिन उनके कोई भी कार्य बदनीयती से नहीं होंगे। नरेंद्र मोदी के इस भाषण से वे आगामी सरकार के विजन और लोगों को साथ लेकर चलने की नसीहत देते नजर आये। एक विशेष बात की विपक्षी लोगों ने मोदी के बारे में जो दुष्प्रचार किया उसके बारे में मोदी ने संकेत दिए की वे सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। उनके लिए कोई धर्म और जाती नहीं है सभी लोगों के कल्याण के लिए वो कार्य करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान कड़वाहट से भरे माहौल और प्रचंड जीत का मिला जुला भाव नरेंद्र मोदी के भाषण में देखने को मिला है। 

अल्पसंख्यक वर्ग के विकास के लिए मोदी जी ने अपने भाषण में कहा की सभी का विश्वाश जितना आवश्यक है। सबको साथ लेकर चलना ही उनकी सरकार का ध्येय सबका साथ सबका विकास है जिसे २०१४ से मोदी सरकार ने पूर्ण करके भी दिखाया है। जब नरेंद्र मोदी ने कहा की अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ छल किया जाता रहा है तो उनका संकेत था की उनकी सरकार सभी लोगों को साथ लेकर चलने में यक़ीन रखती है। उनके द्वारा ऐसा कहने पर अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में सकारात्मक सन्देश प्रसारित हुआ है। नरेंद्र मोदी का यह भाषण पुरे देश को जोड़ने वाला दिखाई देता है। क्षेत्रीय दलों के साथ अल्पसंख्यक लोगों को भी साथ लेकर चलने के इस सन्देश के दूरगामी परिणाम होंगे। २०१४ से एनडीए के घटक दलों को सरकार पर साथ लेकर चली है और छोटे मोटे विषयों को छोड़कर कोई बड़ा मनमुटाव देखने को नहीं मिला है। मोदी सरकार ने हर विषय पर सभी पार्टियों के लोगों को साथ लेकर चलने की कोशिश की है जो उनके पूर्व कार्यकाल को दर्शाती है। 

क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलने और एनडीए के विस्तार के संकेत भी नरेंद्र मोदी ने इस भाषण में दिए और इशारा किया की कोई यदि उनके साथ चलकर देश निर्माण में भूमिका निभाना चाहता है तो उनका भी स्वागत किया जायेगा। गरीबों की सेवा ही उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य रहेगा ऐसा उनके भाषण से भाव निकला जा रहा है। श्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों, विधायकों और आम कार्यकर्ताओं के लगे हाथ नसीहत भी दी की इस प्रचंड बहुमत के बाद उनमे कोई अहम् का भाव नहीं आये। जनता दोबारा तभी चुनेगी जब उनमे सेवा भाव आये। यदि अहम् आये तो सेवा भाव से इसे दूर करें। जैसे २०१४ में नरेंद्र मोदी ने २०१९ की तैयारी शुरू कर दी थी वैसे ही २०१९ के परिणाम के बाद नरेंद्र मोदी की नजर दूरदर्ष्टि की दिखाई देती है जो की प्रशंसनीय है। 

नरेंद्र मोदी का यह भाषण भविष्य की संभावनाओं का दरवाजा खोलती नजर आती है। लोगों को सही मायने में मोदी से बहुत उम्मीदें हैं जैसे की रोजगार, देश की सुरक्षा, आतंकवाद, किसानों का उत्थान आदि जिस पर अब मोदी को खरा उतरना ही होगा। साफ़ है की जितना बड़ा जनादेश होगा लोगों की उमीदें भी उतनी ही बड़ी होंगी। मोदी के भाषण से भी ऐसा प्रतीत होता है की आने वाले समय में वे जातिगत और धर्म से अपनी सरकार को ऊपर उठाकर और अधिक जन कल्याणकारी कार्य करेंगे। इस बार सहयोगी पार्टियों का दबाव और कम हो जायेगा और सरकार अधिक क्षमता से कार्य करेगी। आने वाली सरकार सभी की सरकार है और लोगों की आशाओं को पूर्ण करेगी ऐसी आशा सभी लोगों की चर्चा का विषय है।
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