भोली मारी आत्मा रे काची केहडली रे
भोली मारी आत्मा रे काची केहडली रे
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक हाले हस्थी-घोड़ा,
कोई ऊँटे असवार,
कोईक हाले पाले पगले,
कनी माथे है भार।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक जीमे सिरा लापसी,
कोई चावल भात,
कोईक जीमे तोंदला रे,
कोई नरना काटे रात।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक पोंडे हिगले ढोलिये,
कोई हिंडोले खाट,
कोईक हुवे हाथरे,
कोई भमता काटे रात।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कनी है रे पाँच पुतर,
कनी ऐका एक,
कोईक जुग में वोजिया,
जनौरी मालिक राखे टेक।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
नमो निरंजन नाथ ने,
म्हारे आत्म रा आधार,
अनदोजी सोनी बोलिया,
हरभज उतरो पार।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक हाले हस्थी-घोड़ा,
कोई ऊँटे असवार,
कोईक हाले पाले पगले,
कनी माथे है भार।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक जीमे सिरा लापसी,
कोई चावल भात,
कोईक जीमे तोंदला रे,
कोई नरना काटे रात।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कोईक पोंडे हिगले ढोलिये,
कोई हिंडोले खाट,
कोईक हुवे हाथरे,
कोई भमता काटे रात।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
कनी है रे पाँच पुतर,
कनी ऐका एक,
कोईक जुग में वोजिया,
जनौरी मालिक राखे टेक।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
नमो निरंजन नाथ ने,
म्हारे आत्म रा आधार,
अनदोजी सोनी बोलिया,
हरभज उतरो पार।
भोळी म्हारी आत्मा रे,
काची केहड़ली रे,
ईश्वर भजियो रा
फल-भाल रे भाई।
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Author - Saroj Jangir
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