अत ऊँचा ऊँचा ताका दरबारा लिरिक्स

अत ऊँचा ऊँचा ताका दरबारा लिरिक्स At Uncha Uncha Taka Darbara

 
अत ऊँचा ऊँचा ताका दरबारा लिरिक्स At Uncha Uncha Taka Darbara Lyrics

अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,
अंत नही किछ पारावारा
कोट कोट कोट लख धावे,
इक तिल ता का महल ना पावै,
अंत नही किछ पारावारा,
अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,

सुहावी कौन कऊड़ सुवेला,
जित प्रभ मेला,
लाख भगत जा कौ अराध्ये,
लाख तपिसर तप ही साधे हैं,
लाख जोगिसर करते जोगा,
लाख भोगिसर भोगहे भोगा,
अंत नही किछ पारावारा,
अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,

घट घट वसै, जानहे थोरा,
है कोई साजन पर्दा तोरा,
करहु जतन जे होए मेहरबाना,
काको तेरहे ही ही कियो कुर्बान
अंत नही किछ पारावारा
अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,

अंत नही किछ पारावारा,
अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,
फिरत-फिरत संतन पै आया,
दुख भरम हमारा, सगल मिटाया,
महल बुलाया प्रभ अमृत भुंचा,
कहो नानक प्रभ मेरा ऊँचा,
अंत नही किछ पारावारा,
अत ऊँचा, ऊँचा ताका दरबारा,
 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

Next Post Previous Post