ईश्वर को खोजने के लिए हम बाहर भटक रहे हैं, वह तो हमारे भीतर ही है। हमारे शरीर में ही अड़सठ तीर्थ हैं, जहां हम ईश्वर के दर्शन कर सकते हैं। कबीर के अनुसार, ईश्वर एक व्यक्ति या किसी विशेष स्थान में नहीं है। वह सर्वव्यापी है। वह हर जगह है, हर चीज़ में है। इसलिए, उसे पाने के लिए हमें किसी विशेष स्थान या किसी विशेष व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है। हमें बस अपने भीतर झांकना चाहिए। ईश्वर को बाहर खोजने की कोशिश करते हैं, क्योंकि हम उसे नहीं पहचानते। हम उसे एक व्यक्ति के रूप में देखते हैं, जो किसी विशेष स्थान पर रहता है। लेकिन जब हम उसे अपने भीतर देखते हैं, तो हम समझते हैं कि वह एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि वह एक शक्ति है, जो सब कुछ में है। ईश्वर को पाने के लिए हमें अपने भीतर झांकना चाहिए। हमें अपने मन और आत्मा को शुद्ध करना चाहिए। जब हम अपने भीतर ईश्वर को देख लेंगे, तो हम उसे बाहर भी देख पाएंगे।
बिना भेद बहार मत भटको लिरिक्स Bina Bhed Bahar Mat Bhatko Lyrics
बाहर भटक्या है कांई,अडसठ तीरथ यहाँ बता दूं,
कर दर्शन थारा देह मांही।
पावों में तेरे पदम विराजे,
पिंडल में भागवत याहीं,
गोडे में गोरख का वासा,
हिल रहा दुनिया मांही।
जांगो में जगदीश विराजे,
कमर केदारनाथ हैं यांही,
देही में देवी का वासा,
अखंड ज्योत जलती वांही।
हाथ बने हस्तिनापुर नगरी,
ऊँगली बनी पाँचों पांडव,
सीने में हनुमान विराजे,
लड़ने से डरता नहीं।
सुख बना तेरा मक्का मदीना,
नासिक की है दरगाह यांही,
कान बने कनकापुर नगरी,
सत वचन सुन ले यांही।
नेत्र बने तेरे चंदा सूरज,
देख रहा दुनिया मांही,
कहें कबीर सुनो भाई साधो,
लख्या लेख मिटता नहीं।
कर दर्शन थारा देह मांही।
पावों में तेरे पदम विराजे,
पिंडल में भागवत याहीं,
गोडे में गोरख का वासा,
हिल रहा दुनिया मांही।
जांगो में जगदीश विराजे,
कमर केदारनाथ हैं यांही,
देही में देवी का वासा,
अखंड ज्योत जलती वांही।
हाथ बने हस्तिनापुर नगरी,
ऊँगली बनी पाँचों पांडव,
सीने में हनुमान विराजे,
लड़ने से डरता नहीं।
सुख बना तेरा मक्का मदीना,
नासिक की है दरगाह यांही,
कान बने कनकापुर नगरी,
सत वचन सुन ले यांही।
नेत्र बने तेरे चंदा सूरज,
देख रहा दुनिया मांही,
कहें कबीर सुनो भाई साधो,
लख्या लेख मिटता नहीं।
बाहर भटक्या है कांई,
अडसठ तीरथ यहाँ बता दूं,
कर दर्शन थारा देह मांही।
Bina Bhed Bahar Maat Bhatko - Sant Kabir
Bahaar Bhatakya Hai Kaanee
Adasath Teerath Yahaan Bata Doon
Kar Darshan Thaara Deh Maanhee
Paavon Mein Tere Padam Viraaje
Pindal Mein Bhaagavat Yaaheen
Gode Mein Gorakh Ka Vaasa
Hil Raha Duniya Maanhee
Jaango Mein Jagadeesh Viraaje
Kamar Kedaaranaath Hain Yaanhee
Dehee Mein Devee Ka Vaasa
Akhand Jyot Jalatee Vaanhee
Haath Bane Hastinaapur Nagaree
Oongalee Banee Paanchon Paandav
Seene Mein Hanumaan Viraaje
Ladane Se Darata Nahin
Sukh Bana Tera Makka Madeena
Naasik Kee Hai Daragaah Yaanhee
Kaan Bane Kanakaapur Nagaree
Sat Vachan Sun Le Yaanhee
Netr Bane Tere Chanda Sooraj
Dekh Raha Duniya Maanhee
Kahen Kabeer Suno Bhaee Saadho
Lakhya Lekh Mitata Nahin
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Pindal Mein Bhaagavat Yaaheen
Gode Mein Gorakh Ka Vaasa
Hil Raha Duniya Maanhee
Jaango Mein Jagadeesh Viraaje
Kamar Kedaaranaath Hain Yaanhee
Dehee Mein Devee Ka Vaasa
Akhand Jyot Jalatee Vaanhee
Haath Bane Hastinaapur Nagaree
Oongalee Banee Paanchon Paandav
Seene Mein Hanumaan Viraaje
Ladane Se Darata Nahin
Sukh Bana Tera Makka Madeena
Naasik Kee Hai Daragaah Yaanhee
Kaan Bane Kanakaapur Nagaree
Sat Vachan Sun Le Yaanhee
Netr Bane Tere Chanda Sooraj
Dekh Raha Duniya Maanhee
Kahen Kabeer Suno Bhaee Saadho
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Author - Saroj Jangir
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