हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा भजन के लिरिक्स
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नहीं तेरा
कंकर चुनी चुनी महल बनाया, लोग कहें घर मेरा,
कंकर चुनी चुनी महल बनाया, लोग कहें घर मेरा,
ना घर तेरा ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा,
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
बाबा दादा भाई भतीजा, चले ना संग कोई तेरा,
बाबा दादा भाई भतीजा, चले ना संग कोई तेरा,
हाथी घोड़ा माल ख़ज़ाना, पड़ा रहे धन तेरा,
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
मात पिता स्वारथ के लोभी, करते मेरा मेरा,
मात पिता स्वारथ के लोभी, करते मेरा मेरा,
कहत कबीर सुनो भाई साधो, एक दिन जंगल डेरा,
हंसा यें पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
कंकर चुनी चुनी महल बनाया, लोग कहें घर मेरा,
कंकर चुनी चुनी महल बनाया, लोग कहें घर मेरा,
ना घर तेरा ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा,
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
बाबा दादा भाई भतीजा, चले ना संग कोई तेरा,
बाबा दादा भाई भतीजा, चले ना संग कोई तेरा,
हाथी घोड़ा माल ख़ज़ाना, पड़ा रहे धन तेरा,
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
मात पिता स्वारथ के लोभी, करते मेरा मेरा,
मात पिता स्वारथ के लोभी, करते मेरा मेरा,
कहत कबीर सुनो भाई साधो, एक दिन जंगल डेरा,
हंसा यें पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, ये पिंजरा नही तेरा।
हंसा यह पिंजड़ा नहिं तेरा
कंकड़ चुन-चुन महल बनाया,
लोग कहैं घर मेरा।
ना घर मेरा ना घर तेरा,
चिड़िया रैन बसेरा
दादा बाबा भाई भतीजा,
कोई न चले संग तेरा।
हाथी घोड़ा माल खजाना,
पड़ा रहै धन घेरा।
मात पिता स्वारथ के साथी,
कहते मेरा मेरा ।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो,
इक दिन जंगल डेरा।
लोग कहैं घर मेरा।
ना घर मेरा ना घर तेरा,
चिड़िया रैन बसेरा
दादा बाबा भाई भतीजा,
कोई न चले संग तेरा।
हाथी घोड़ा माल खजाना,
पड़ा रहै धन घेरा।
मात पिता स्वारथ के साथी,
कहते मेरा मेरा ।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो,
इक दिन जंगल डेरा।
