उमरिया धोखे में खोये दियो रे लिरिक्स Umariya Dhokhe Me Khoy Diyo Re Lyrics

उमरिया धोखे में खोये दियो रे लिरिक्स Umariya Dhokhe Me Khoy Diyo Re Lyrics

 

उमरिया धोखे में खोये दियो रे।
धोखे में खोये दियो रे।
पांच बरस का भोला-भाला
बीस में जवान भयो।
तीस बरस में माया के कारण,
देश विदेश गयो। उमर सब,
चालिस बरस अन्त अब लागे, बाढ़ै मोह गयो।
धन धाम पुत्र के कारण, निस दिन सोच भयो।।
बरस पचास कमर भई टेढ़ी, सोचत खाट परयो।
लड़का बहुरी बोलन लागे, बूढ़ा मर न गयो।।
बरस साठ-सत्तर के भीतर, केश सफेद भयो।
वात पित कफ घेर लियो है, नैनन निर बहो।
न हरि भक्ति न साधो की संगत,
न शुभ कर्म कियो।
कहै कबीर सुनो भाई साधो,
चोला छुट गयो।।
उमरिया धोखे में खोये दियो रे।
धोखे में खोये दियो रे।
पांच बरस का भोला-भाला
बीस में जवान भयो।

Kabir, the 15th-century Indian mystic and poet, wrote many bhajans (devotional songs) that are still popular today. Kabir's bhajans are known for their simplicity, powerful message, and deep spiritual insight.  the key to making a bhajan according to Kabir's teachings is to focus on the message of devotion and love for the divine, and to use simple language and metaphors that are accessible to everyone. Let the message of the bhajan touch the heart and inspire a deeper connection with the divine.

उमिरिया धोखे में खोय दियो_मनहरण पटेल कुकुर्दी केरा


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