नारायण चूर्ण कैसे बनाये फायदे कब्ज दूर करे नारायण चूर्ण Narayan Churna Benefits and Usages
नारायण चूर्ण क्या है
नारायण चूर्ण आयुर्वेदिक गुणों से युक्त हर्ब, प्रदार्थों के मिश्रण से तैयार एक चूर्ण होता है जिसके सेवन से आप कब्ज, एसिडिटी, आफरा,अजीर्ण, अपच, गैस, मल का कठोर होना जैसे विकारों दूर कर सकते हैं। वैसे तो आपको बाजार में कई निर्माताओं के द्वारा निर्मित चूर्ण मिल जाएंगे, लेकिन यदि साधारण तरीके से आप यह चूर्ण अपने घर पर तैयार करना चाहते हैं तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इसकी विधि को बताएँगे। हमेशा की तरह हम आपको यह भी बता दें की यदि आपकी स्थिति जटिल है तो आप वैद्य के दिशानिर्देशों के अनुसार कब्ज का इलाज करवाएं। पहले जरा ये जान लें की कब्ज की समस्या आखिर है क्या।
कई लोग सुबह फ्रेश हो जाते हैं और समझते हैं की उन्हें कब्ज की कोई समस्या नहीं है। इसमें आप यह जान लीजिये की केवल फ्रेश हो जाना ही प्रयाप्त नहीं है जिससे आप यह समझे की आपको कब्ज नहीं है। निचे कुछ संकेत / लक्षण दिए गए हैं जिनके आधार पर आप यह निर्णय कीजिये की कही आपको कब्ज की कोई समस्या हो नहीं है।
कई लोग सुबह फ्रेश हो जाते हैं और समझते हैं की उन्हें कब्ज की कोई समस्या नहीं है। इसमें आप यह जान लीजिये की केवल फ्रेश हो जाना ही प्रयाप्त नहीं है जिससे आप यह समझे की आपको कब्ज नहीं है। निचे कुछ संकेत / लक्षण दिए गए हैं जिनके आधार पर आप यह निर्णय कीजिये की कही आपको कब्ज की कोई समस्या हो नहीं है।
- एक बार में फ्रेश नहीं होना।
- फ्रेश होने के लिए बार बार टॉयलेट में जाना।
- मल का अधिक कठोर होना।
- खाना खाने के बाद शरीर में अधिक भारीपन का होना।
- खट्टी डकारों का आना।
- पाचन तंत्र की कमजोरी से शरीर में अधिक तापमान का होना।
- सर दर्द रहना।
- पित्त का बढ़ जाना और पित्त जनित विकारों का होना।
- खुल कर फ्रेश नहीं होना।
नारायण चूर्ण घर पर कैसे बनाये
इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी जो आपको पंसारी की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाएँगी।
- पीपल 5 ग्राम,
- निशोथ 25 ग्राम
- कच्ची खांड़ 50 ग्राम
नारायण चूर्ण का सेवन कैसे करें
भोजन करने से आधा घंटे पहले इस हाफ चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ चूर्ण का सेवन करें।
नारायण चूर्ण के लाभ
नारायण चूर्ण वात , कफ और पित्त को शांत करता है, पाचन सबंधित विकारों को दूर करता है। इसके अन्य लाभ निम्न प्रकार से हैं। यह चूर्ण पेट साफ करने में उपयोगी है।
- इसके सेवन से पेट दर्द, भूख की कमी ,अर्श रोग एवं गैस इत्यादि समस्याओं में लाभ होता है।
- नारायण चूर्ण पेट में जमा पुराने मल को छांटता (काटता ) है और पेट की सफाई करता है।
- उदररोग, संग्रहणी, बवासीर में इसका उपयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
- सर्वांग शोध, शरीर की सूजन को कम करता है।
- यह त्रिदोष नाशक है और वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है।
- नारायण चूर्ण से आफरा पित्त और गैस की समस्या दूर होती है।
- मल खुलकर लगता है और शरीर हल्का महसूस होता है।
- पेट को मुलायम करने के अतिरिक्त मल को ढीला करता है।
कब्ज के कारण
कब्ज सामान्यतया हमारे शरीर की प्रकृति के विरुद्ध खान पान की वजह से होता है। कब्ज के निम्न प्रमुख कारण होते हैं।
- आहार में फाइबर की कमी का होना।
- शारीरिक मेहनत का अभाव होना।
- बढ़ती उम्र के कारन कब्ज का होना।
- ज्यादा मसालेदार और तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना।
- अनियमित दिनचर्या और समय पर शौच न जाना।
- दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
- प्रयाप्त मात्रा में पानी न पीना।
- गर्भावस्था के दौरान कब्ज का होना।
- मानसिक तनाव और चिंता करना।
- प्रयाप्त नींद की कमी।
- अस्त व्यस्त जीवन शैली का होना
कब्ज को कैसे दूर करें
कब्ज से सबंधित आयुर्वेदि ओषधियों के बारे में जानने से पहले आप स्वंय क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानना अधिक श्रेयकर होता है। आइये जानते हैं की आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कब्ज की समस्या में सुधार हो पाए।
- भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें।
- फाइबर युक्त आहार लें। मैदा और महीन पीसे हुए अनाज के सेवन में सतर्क रहे।
- खाना खाने के थोड़ी देर बाद टहलें।
- दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पिए।
- शारीरिक मेहनत करें।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट करें और खुश रहें।
- समय पर शौच जाएँ और मूत्र / मल को कभी रोकें नहीं।
- खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पिए।
- ताजे फल और सब्जियों का उपयोग अधिक करें।
- डिब्बाबंद भोजन से दूर रहें।
कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय
कुछ घरेलु उपायों से हम कब्ज को दूर कर सकते हैं। यदि क्रोनिक कब्ज हो तो वैद्य से संपर्क करें। कब्ज की समस्या में बताये गए उपायों का पालन करे लाभ मिलेगा।
- सुबह उठने के उपरान्त एक गिलास पानी पिने की आदत बनाये। आप निम्बू के रस में काला नमक मिलाकर पिए लाभ मिलेगा।
- भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
- रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
- रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
- सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
- सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
- रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है।
- शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है।
- आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
- देर रात चाय या कॉफी पीने से भी डाइजेशन खराब हो सकता है।
- चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा सा मक्का लेने से पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले त्रिफला चूर्ण / बहेड़ा चूर्ण का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करें लाभ मिलेगा।
- रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
- खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
- अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
- पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
- कब्ज की समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत शुद्धि चूर्ण का इस्तेमाल करें।
- रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
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