नारायण चूर्ण के फायदे उपयोग Narayan Churna Usages and Benefits Composition Doses Hindi

नारायण चूर्ण के फायदे उपयोग एंव लाभ Narayan Churna Usages and Benefits


नारायण चूर्ण के फायदे उपयोग Narayan Churna Usages and Benefits Composition Doses Hindi
 

नारायण चूर्ण क्या है

नारायण चूर्ण आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर प्रदार्थों से बनाया जाता है। नारायण चूर्ण में शामिल प्रदार्थ त्रिदोष शांत करते हैं और पाचन विकार दूर करते हैं। नारायण चूर्ण का प्रमुख उपयोग उदर शोधन के लिए किया जाता है।

नारायण चूर्ण के घटक

त्रिफला ,चित्रक मूल ,पंच लवण , दंती मूल, इंद्रायण की जड़ ,शुंठी ,पीपल, अजवाइन, काला जीरा एवं पीपलामूल इत्यादि

नारायण चूर्ण का सेवन कैसे करें

3 से 6 ग्राम पानी के साथ दिन में दो बार या चिकित्सक के सलाह के अनुसार ही सेवन करें।

नारायण चूर्ण के फायदे उपयोग Narayan Churna Usages and Benefits Hindi

नारायण चूर्ण के लाभ
  • नारायण चूर्ण वात , कफ और पित्त को शांत करता है, पाचन सबंधित विकारों को दूर करता है। इसके अन्य लाभ निम्न प्रकार से हैं। यह चूर्ण पेट साफ करने में उपयोगी है।
  • इसके सेवन से पेट दर्द, भूख की कमी ,अर्श रोग एवं गैस इत्यादि समस्याओं में लाभ होता है।
  • नारायण चूर्ण पेट में जमा पुराने मल को छांटता (काटता ) है और पेट की सफाई करता है।
  • उदररोग, संग्रहणी, बवासीर में इसका उपयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
  • सर्वांग शोध, शरीर की सूजन को कम करता है।
  • यह त्रिदोष नाशक है और वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है।
  • नारायण चूर्ण से आफरा पित्त और गैस की समस्या दूर होती है।
  • मल खुलकर लगता है और शरीर हल्का महसूस होता है।
  • पेट को मुलायम करने के अतिरिक्त मल को ढीला करता है।
 
सन्दर्भ : योग रत्नाकार।

नारायण चूर्ण कहा से खरीदे

नारायण चूर्ण आपको आयुर्वेदिक दवा विक्रेता के यहाँ उपलब्ध हो जाएगा। यदि आप ऑनलाइन यह दवा खरीदना चाहते हैं तो इस सबंध में विस्तृत जानकारी के लिए हम यहां वैद्यनाथ वेबसाइट का लिंक शेयर कर रहें है आप इस लिंक पर विजिट करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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कब्ज के कारण

कब्ज सामान्यतया हमारे शरीर की प्रकृति के विरुद्ध खान पान की वजह से होता है। कब्ज के निम्न प्रमुख कारण होते हैं।
  • आहार में फाइबर की कमी का होना।
  • शारीरिक मेहनत का अभाव होना।
  • बढ़ती उम्र के कारन कब्ज का होना।
  • ज्यादा मसालेदार और तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना।
  • अनियमित दिनचर्या और समय पर शौच न जाना।
  • दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
  • प्रयाप्त मात्रा में पानी न पीना।
  • गर्भावस्था के दौरान कब्ज का होना।
  • मानसिक तनाव और चिंता करना।
  • प्रयाप्त नींद की कमी।
  • अस्त व्यस्त जीवन शैली का होना 
यह भी पढ़ें : कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक ओषधियाँ

कब्ज को कैसे दूर करें

कब्ज से सबंधित आयुर्वेदि ओषधियों के बारे में जानने से पहले आप स्वंय क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानना अधिक श्रेयकर होता है। आइये जानते हैं की आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कब्ज की समस्या में सुधार हो पाए।
  • भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें।
  • फाइबर युक्त आहार लें। मैदा और महीन पीसे हुए अनाज के सेवन में सतर्क रहे।
  • खाना खाने के थोड़ी देर बाद टहलें।
  • दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पिए।
  • शारीरिक मेहनत करें।
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट करें और खुश रहें।
  • समय पर शौच जाएँ और मूत्र / मल को कभी रोकें नहीं।
  • खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पिए।
  • ताजे फल और सब्जियों का उपयोग अधिक करें।
  • डिब्बाबंद भोजन से दूर रहें। कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय : कुछ घरेलु उपायों से हम कब्ज को दूर कर सकते हैं। यदि क्रोनिक कब्ज हो तो वैद्य से संपर्क करें। कब्ज की समस्या में बताये गए उपायों का पालन करे लाभ मिलेगा। सुबह उठने के उपरान्त एक गिलास पानी पिने की आदत बनाये। आप निम्बू के रस में काला नमक मिलाकर पिए लाभ मिलेगा।
  • भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
  • रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
  • रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
  • सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
  • सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
  • रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
  • एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
  • रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है।
  • शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है।
  • आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
  • देर रात चाय या कॉफी पीने से भी डाइजेशन खराब हो सकता है।
  • चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा सा मक्का लेने से पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
  • रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले त्रिफला चूर्ण / बहेड़ा चूर्ण का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करें लाभ मिलेगा।
  • रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  • खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
  • अमरूद और पपीता कब्‍ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
  • पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।
  • कब्‍ज की समस्‍या से बचने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
  • रात्रि कालीन भोजन के उपरांत शुद्धि चूर्ण का इस्तेमाल करें।
  • रात को सोते वक्‍त अरंडी के तेल को हल्‍के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।

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