जय शंकर कैलाशपति जय गौरा जय पार्वती
जय शंकर कैलाशपति जय गौरा जय पार्वती
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा, जय पार्वती।
कोरस में ही गाना और कोरस भी गाना।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा, जय पार्वती।
हमारे तो आंगन में, पीतल के बर्तन।
हमारी तो गौरा जैसी, ऊँची है जातें।
तुम्हारी तो जात कोई नहीं,
शिव शंकर जी, तुम्हारी तो जात कोई नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, बजती है ढोलकी।
हमने तो सुना, दूल्हा भंगी और पोसती।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, लगी है चाँदनी।
हमने तो सुना, दूल्हा साँपों की सेज पर।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, डब्बा कटोरा।
मारा कच्चा मूली, आक धतूरा।
पोसती नगरी आए,
शिव शंकर जी, भांग को रगड़ लगाए।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, घी से भरा है।
ना तेरी माँ दूल्हा, ना तेरा पिता है।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमने तो मान रखी, अपने खून की।
गौरा तो दे दी हमने, नारद के मुँह को।
तुम्हें तो जानते नहीं,
शिव शंकर जी, तुम्हें तो जानते नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारी तो गौरा का, चाँद जैसा मुखड़ा।
तुम्हारे तो गले में, नाग लटकता।
हमारी तो गौरा डर गई,
शिव शंकर जी, हमारी तो गौरा डर गई।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारी तो गौरा हाथ, चूड़ा छनकता।
तुम्हारी तो गरज-गरज, दाढ़ी चमकती।
हमारी तो गौरा हँस पड़ी,
शिव शंकर जी, हमारी तो गौरा हँस पड़ी।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
कोरस में ही गाना और कोरस भी गाना।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा, जय पार्वती।
हमारे तो आंगन में, पीतल के बर्तन।
हमारी तो गौरा जैसी, ऊँची है जातें।
तुम्हारी तो जात कोई नहीं,
शिव शंकर जी, तुम्हारी तो जात कोई नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, बजती है ढोलकी।
हमने तो सुना, दूल्हा भंगी और पोसती।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, लगी है चाँदनी।
हमने तो सुना, दूल्हा साँपों की सेज पर।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, डब्बा कटोरा।
मारा कच्चा मूली, आक धतूरा।
पोसती नगरी आए,
शिव शंकर जी, भांग को रगड़ लगाए।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारे तो आंगन में, घी से भरा है।
ना तेरी माँ दूल्हा, ना तेरा पिता है।
ये बात बनती नहीं,
ओ नारद जी, ये बात बनती नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमने तो मान रखी, अपने खून की।
गौरा तो दे दी हमने, नारद के मुँह को।
तुम्हें तो जानते नहीं,
शिव शंकर जी, तुम्हें तो जानते नहीं।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारी तो गौरा का, चाँद जैसा मुखड़ा।
तुम्हारे तो गले में, नाग लटकता।
हमारी तो गौरा डर गई,
शिव शंकर जी, हमारी तो गौरा डर गई।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
हमारी तो गौरा हाथ, चूड़ा छनकता।
तुम्हारी तो गरज-गरज, दाढ़ी चमकती।
हमारी तो गौरा हँस पड़ी,
शिव शंकर जी, हमारी तो गौरा हँस पड़ी।
जय शंकर, कैलाशपति, जय गौरा...
जय गोरां जय पार्वती #Jai bhole nath ji
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Author - Saroj Jangir
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