माटी कहे कुम्हार से लिरिक्स अनूप जलोटा भजन

माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे Anup Jalota Mati Kahe Kumhar Se Tu Kya Rounde Mohe Bhajan

 
माटी कहे कुम्हार से लिरिक्स इन हिंदी Anup Jalota Bhajan Mati Kahe Kumhar Lyrics

माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे,
एक दिन ऐसा आएगा मैं रोंदूगी तोहे ।

आये हैं तो जायेंगे राजा रंक फ़कीर
एक सिंघासन चडी चले, एक बंदे जंजीर

दुर्बल को ना सतायिये जाकी मोटी हाय,
बिना जीब के स्वास से लोह भसम हो जाए

चलती चक्की देख के दिया कबीर रोये,
दो पाटन के बीच में बाकी बचा ना कोई

दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई
जो सुख में सुनिरण करे दुःख कहे को होए

पत्ता टूटा डाल से ले गयी पवन उडाय
अबके बिछड़े कब मिलेंगे दूर पड़ेंगे जाय

कबीर आप ठागायिये और ना ठगिये
आप ठगे सुख उपजे और ठगे दुःख होए
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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