गणपति स्तुति अर्थ सहित

गणपति स्तुति अर्थ सहित

 
गणपति स्तुति Ganpati Stuti गणपति स्तुति लिरिक्स Ganpati Stuti Lyrics

सरागिलोकदुर्लभं विरागिलोकपूजितं सुरासुरैर्नमस्कृतं जरापमृत्युनाशकम् ।
गिरा गुरुं श्रिया हरिं जयन्ति यत्पदार्चकाः नमामि तं गणाधिपं कृपापयः पयोनिधिम् ॥ १॥
गिरीन्द्रजामुखाम्बुज प्रमोददान भास्करं करीन्द्रवक्त्रमानताघसङ्घवारणोद्यतम् ।
सरीसृपेश बद्धकुक्षिमाश्रयामि सन्ततं शरीरकान्ति निर्जिताब्जबन्धुबालसन्ततिम् ॥ २॥
शुकादिमौनिवन्दितं गकारवाच्यमक्षरं प्रकाममिष्टदायिनं सकामनम्रपङ्क्तये ।
चकासतं चतुर्भुजैः विकासिपद्मपूजितं प्रकाशितात्मतत्वकं नमाम्यहं गणाधिपम् ॥ ३॥
नराधिपत्वदायकं स्वरादिलोकनायकं ज्वरादिरोगवारकं निराकृतासुरव्रजम् ।
कराम्बुजोल्लसत्सृणिं विकारशून्यमानसैः हृदासदाविभावितं मुदा नमामि विघ्नपम् ॥ ४॥
श्रमापनोदनक्षमं समाहितान्तरात्मनां सुमादिभिः सदार्चितं क्षमानिधिं गणाधिपम् ।
रमाधवादिपूजितं यमान्तकात्मसम्भवं शमादिषड्गुणप्रदं नमामि तं विभूतये ॥ ५॥
गणाधिपस्य पञ्चकं नृणामभीष्टदायकं प्रणामपूर्वकं जनाः पठन्ति ये मुदायुताः ।
भवन्ति ते विदां पुरः प्रगीतवैभवाजवात् चिरायुषोऽधिकः श्रियस्सुसूनवो न संशयः ॥ ६॥ ।।
 
 
गणेश स्तोत्र में भगवान श्री गणेश के गुण, स्वरूप और कृपाशीलता का अत्यंत गूढ़ व दार्शनिक वर्णन किया गया है। इसमें गणाधिपति को न केवल विघ्नहर्ता के रूप में देखा गया है, बल्कि उन्हें सर्वज्ञ, कृपामय और ब्रह्मस्वरूप

बताया गया है। प्रथम श्लोक में कवि कहते हैं कि वे जन्म-मृत्यु के भय को हरने वाले, योगियों द्वारा पूजित और देव-असुरों द्वारा वंदित उस भगवान की स्तुति करते हैं, जिनका चरण-स्पर्श साधक को मोक्ष का वर देता है। यह श्लोक गणपति को कृपा के (अनंत) सागर की उपमा देता है, जिससे समस्त जीवों के जीवन में कल्याण का प्रसार होता है।

शेष श्लोकों में गणेश के दिव्य स्वरूप का सौंदर्य चित्रित किया गया है — पर्वतपुत्र पार्वती के मुख के समान पवित्र, सूर्य के समान प्रकाशवान, और सर्प को कमर में धारित करने वाले। वे भक्तों के दुःखों को दूर करते हैं, जड़ता को बुद्धि में परिवर्तित करते हैं, और जप, ध्यान, तथा भक्ति में स्थिर रहने वालों के भीतर आत्मज्ञान का प्रकाश भरते हैं। यह स्तोत्र यह भी बताता है कि जो मनुष्य विनम्र भाव से इस पंचक स्तोत्र
का पाठ करता है, उसे विद्या, आयु, संतान, वैभव और दीर्घ सुख का लाभ प्राप्त होता है। सार रूप में, यह रचना गणेश की कृपा, ज्ञान और संरक्षण की भावना का ऐसा आध्यात्मिक स्त्रोत है, जो साधक को न केवल सांसारिक विघ्नों से पार कराता है।
 
Mantra for Success l Shree Ganadhipati Ganesh Pancharatna Stottram

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