मन मंदिर में बसने वाला येशु तू है निराला
मन मंदिर में बसने वाला येशु तू है निराला मसीही सोंग
मन मंदिर में बसने वाला
येशु तू है निराला
जिसके मन में तू जनम ले
अविनाशी आनंद से भर दे
आदि अनंत और प्रीत रीत की
जल जायेगी ज्वाला
मूसा को तुने पास बुलाया
स्वर्ग लोक का भवन दिखाया
महापवित्र स्थान में रहकर
आप ही उसे संभाला
हर विश्वासी प्रेम से आए
ख़ुशी से आपनी भेटं चढाये
अन्धकार अब सब दूर हुए हैं
मन में हुआ उजाला
येशु तू है निराला
जिसके मन में तू जनम ले
अविनाशी आनंद से भर दे
आदि अनंत और प्रीत रीत की
जल जायेगी ज्वाला
मूसा को तुने पास बुलाया
स्वर्ग लोक का भवन दिखाया
महापवित्र स्थान में रहकर
आप ही उसे संभाला
हर विश्वासी प्रेम से आए
ख़ुशी से आपनी भेटं चढाये
अन्धकार अब सब दूर हुए हैं
मन में हुआ उजाला
Man Mandir Men Basne Waala (मन मन्दिर में बसने वाला)New Worship Song
यह भाव उस निर्मल श्रद्धा का संगीत है, जहाँ ईश्वर का निवास किसी गिरजाघर या मंदिर में नहीं, बल्कि मन के भीतर के आलोक में महसूस होता है। जब आत्मा अपने भीतर के “मन‑मंदिर” को पहचान लेती है, तब येशु का रूप केवल इतिहास नहीं रहता—वह प्रेम, त्याग और प्रकाश का अनुभव बन जाता है। यह गीत ठीक उसी क्षण का चित्र है जब मन ईश्वर को आत्मसात करने लगता है, जहाँ बाहरी जग के सारे अंधकार मिटने लगते हैं और भीतर एक कोमल उजास फैल जाता है। विश्वास की ज्योति, जो केवल देखा नहीं, जिया जाता है—वह हर शंका, हर पीड़ा को पवित्र कर देती है।
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