सुन सुन मेरी काया राम भजन
बिना जड़ एक तरुवर देख्या, पान नज़र नहीं आया
मेरा मन ऐसा सैलानी, तोड़ तोड़ कर खाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
बिना पाल एक सरवर देख्या, नीर नजर नहीं आया
मेरा मन ऐसा सैलानी, कूद कूद कर नहाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
अम्बर म एक नारी देखी, चीर नज़र नहीं आया
मेरा मन ऐसा सैलानी, मन ही मन शरमाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
कहत कबीर सुनो भाई साधो, हाथ कछु नही आया
राम नाम तेरे संग चलेगा, विरथा जनम गंवाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
मेरा मन ऐसा सैलानी, तोड़ तोड़ कर खाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
बिना पाल एक सरवर देख्या, नीर नजर नहीं आया
मेरा मन ऐसा सैलानी, कूद कूद कर नहाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
अम्बर म एक नारी देखी, चीर नज़र नहीं आया
मेरा मन ऐसा सैलानी, मन ही मन शरमाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
कहत कबीर सुनो भाई साधो, हाथ कछु नही आया
राम नाम तेरे संग चलेगा, विरथा जनम गंवाया
सुन सुन मेरी काया, राम भजन की है माया
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Author - Saroj Jangir
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