मैं कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। कोरे कोरे कलश मँगाए, केसर घोरो रंग, लाला, केसर घोरो रंग, भर पिचकारी मेरे सन्मुख मारी, सखियाँ हो गई दंग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग,
रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। साड़ी सरस सभी मेरो भिजो, भिज गयो सब अंग, लाला, भिज गियो सब अंग, और या बज मारे को कहाँ भिगौउ, कारी कमर अंग रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। तबला बाजे सारंगी बाजे, और बाजे मृदंग, और बाजे मृदंग, और श्याम सुंदर की बंशी बाजे, राधा जू के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग,
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रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। घर घर से ब्रज बनिता आई, लिए किशोरी संग, लाला, लिए किशोरी संग, चन्द्रसखी हसयो उठ बोली, लगा श्याम के अंग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। मैं कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग, रंग में कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग।। मैं होरी कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग
रंग मैं होरी कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग कोरे कोरे कलश मँगाये उनमें घोरौ रंग भर पिचकारी ऐसी मारी चोली हो गई तंग रंग में कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग नैनन सुरमा दाँतन मिस्सी रंग होत भदरंग। मसक गुलाल मले मुख ऊपर बुरौ कृष्ण कौ संग रंग में कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग तबला बाज सारंगी बाजी और बाजी मृदंग कान्हा जी की बाँसुरी बाजे राधाजी के संग रंग में कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग चुनरी भिगोये, लहँगा भिगोये छूटौ किनारी रंग सूरदास कौ कहा भिगोये कारी कामर अंग रंग में कैसे खेलूँ री जा साँवरिया के संग
Main Kaise Holi Khelungi by Mridul Krishna Shastri मैं कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग
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