हत्थ फड़ के तू सिखाया जिन्नू तुरना
: जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया। फड़ -पकड़ना, जिन्नू -जिसे, तुरना-चलना।
: जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया। फड़ -पकड़ना, जिन्नू -जिसे, तुरना-चलना।
ओ अम्बरां च उड्ड दी फिरे
: वो आकाश में उड़ती फिर रही है। 'च ' -में,
कित्थे छड्ड गया घर सूना करके
:तुम घर को सूना करके कहाँ चले गए हो कित्थे -कहाँ, छड्ड -छोड़ना।
वे आजा लाडो लबदी फिरे
: वापस आ जाओ तुम्हे लाडो ढूंढ रही है। लाडो -प्यारी बेटी के लिए सम्बोधन , लबदी -ढूँढना।
हत्थ फड़ तू सिखाया जिन्नू तुरना
: हाथ पकड़ कर जिसको तुमने चलना सिखाया
ओ अम्बरां च उड्ड दी फिरे
: वो आकाश में उडती फिर रही है
कित्थे छड्ड गया घर सूना करके
:तुम घर को सूना करके कहाँ चले गए हो
वे आजा लाडो लबदी फिरे
: वापस आ जाओ तुम्हे लाडो ढूंढ रही है
तैनू लक्ख वाज लौन्दी वे
: में तुम्हे कई बार (लाखो बार ) आवाज लगाती हूँ। लक्ख-लाखों, वाज -आवाज , लौंदी -लगाईं।
बाबुल जे तू सुण पांदा
:पिताजी अगर तुम सुन पाओ तो। सुन-सुनाई, पौंदा -पाता।
तैनू मोड़ ले औंदी वे
: में तुम्हे वापस ले आती। मोड़ -वापस ले आना , ओनं दी -आना।
बाबुल जे तू मुड आंदा
:अगर तुम वापस आ सको तो
तैनू लख वाज लौन्दी वे
: में तुम्हे कई बार (लाखो बार ) आवाज लगाती हूँ
बाबुल जे तू सुण पांदा
:पिताजी अगर तुम सुन पाओ तो
तैनू मोड़ ले औंदी वे
: में तुम्हे वापस ले आती
बाबुल जे तू मुड आंदा
:अगर तुम वापस आ सको तो
जीवें रखदा आ चावां नाळ सजाके
: तुम मुझे बहुत ही चाव से सजा के रखते थे। जिवें -जैसे, चावां - चाव से
फूलां नूं कोई माळी साम्भ के
: जिसे कोई माली अपने फूलों को संभाल के रखता हो
सानूं रख्या गुलदस्ता बना के
: तुमने हमें गुलदस्ते की तरहा से रखा है
तू मुखदे लाली साम्भ के
: चेहरे पर मुस्कुराहट को बना के रखा
जीवे रखदा आ चावा नाल सजाके
: तुम मुझे बहुत ही चाव से सजा के रखते थे
फूलां नूं कोई माळी साम्भ के
: जिसे कोई माली अपने फूलों को संभाल के रखता हो
सानूं रख्या गुलदस्ता बना के
: तुमने हमें गुलदस्ते की तरहा से रखा है
तू मुखदे लाली साम्भ के
: चेहरे पर मुस्कुराहट को बना के रखा। साम्भ - संभाल के।
अस्सी तेरी फुलवारी ने
: हम तो तुम्हारे फूल हैं
हाए तेरे बिना रुळ जाना
: तुम्हारे बिना हम समाप्त हो जायेंगे। रुळ -खो जाना, समाप्त हो जाना।
तेनु मोड़ ले औंदी वे
: में तुम्हे वापस ले आती
बाबुल जे तू मुड़ आंदा
:अगर तुम वापस आ सको तो
तैनू लक्ख लख वाज लौन्दी वे
: में तुम्हे कई बार (लाखो बार ) आवाज लगाती हूँ
बाबुल जे तू सुण पांदा
:पिताजी अगर तुम सुन पाओ तो
बाबुल पंजाबी लोकगीत मीनिंग Babul Punjabi Folk Song Hindi Meaning
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