ज़रा चल के वृंदावन में देखो भजन
ज़रा चल के वृंदावन में देखो,
(ओ ) कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
झूला झूल रही होंगी राधा प्यारी
झूला झूल रही होंगी राधा प्यारी
मेरे मोहन झुलाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
कभी रूठ गयी होंगी राधा प्यारी
मेरे मोहन मनाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
माँ यशोदा के व्याकुल अधर भी
कान्हा कान्हा बुलाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृंदावन में देखो
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे
ज़रा चल के वृन्दावन में देखो कान्हा वंशी बजाते मिलेंगे भजन संध्या दिल्ली Devendra Pathak Ji Maharajआपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं