तिल क्या है What Is Til in Hindi ? आयुर्वेद में तिल के तेल की महिमा का वर्णन प्राप्त होता है। तिल का तेल 'तिल' पौधे के बीजों (Sesamum indicum) (Sesame Oil) से प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग गावों में बहुतयात से खाना पकाने और अन्य खाद्य प्रदार्थों के निर्माण में किया जाता है। तिल व्यापक रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। ऐसा माना जाता है की विश्व का सबसे प्राचीन तिलहन 'तिल' ही है जिसकी खेती ५००० साल पहले शुरू हुई थी, इस प्रकार से यह विश्व के प्राचीनतम फसलों में से एक है। तिल एक पौधा होता है जिसकी खेती व्यावसायिक रूप से की जाती है। भारत में तिल की खेती पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु,महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवम उत्तर प्रदेश में की जाती है।
तिल का तेल प्रकृति से तीखी, मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, गर्म तासीर की, कफ तथा पित्त को कम करने वाली, बलदायक, बालों के लिए लाभदायी होता है और इसके अलावा त्वचा, दांतों और बालों के लिए भी लाभकारी माना गया है। कई प्रकार की आयुर्वेदिक ओषधियों के निर्माण में तिल के तेल का उपयोग किया जाता है । तिल के गुणों के कारण ही इसे पवित्र मान कर देवताओं की पूजा अर्चना में भी इसका उपयोग किया जाता है और कई स्थानों पर तिलकुट्टा चौथ भी मनाइ जाती है। पॉलीअनुसैचुरेटेड फैट होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहता है।
पतंजली तिल के तेल के फायदे Patanjali Sesame Oil Benefits in Hindi
- वस्तुतः माना गया है की यदि कोई तेल है तो सिर्फ तिल का। तिल का तेल हर प्रकार से स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। सफ़ेद तिल और काले तिल में काले तिल (कृष्ण तिल ) सर्वोत्तम व वीर्य या अंदुरनी शक्ति बढ़ाने वाली होती है, सफेद तिल मध्यम तथा लाल तिल हीन गुण वाले होते हैं।
- तिल के तेल में प्रचुरता से मैग्नीनिशयम, फास्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, लेसिथिन, ओमेगा 3, ओमेगा-6, विटामिन सी, ई, के विटामिन बी6, तांबा, आयरन, जिंक आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। तिल के तेल से प्राप्त होने वाला मैग्नीशियम नाड़ी और श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और जस्ता हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- हड्डियों के दर्द, जोड़ों के दर्द के लिए तिल का तेल बहुत ही लाभदायी होता है।
- तिल के तेल में पाया जाने वाला जिंक और कॉपर रक्त संचरण को दुरुस्त करता है और शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को भी बढाने में मददगार होता है। तिल के तेल से हड्डियां मजबूत बनती है और जोड़ों के दर्द में भी सुधार होता है इसलिए खाना पकाने के तेल के रूप में तिल के तेल का उपयोग किया जाना चाहिए।
- तिल का तेल एंटी एन्फ्लामेंट्री और एंटी ओक्सिदेंट्स प्रॉपर्टीज से भरपूर होता है। तिल का तेल एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है। -तिल के तेल में मौजूद एमिनो एसिड तनाव को कम करने, सरदर्द को कम करने और अनिंद्रा और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- माना जाता है की शरीर पर तिल के तेल की मालिस करना लाभदायी होता है क्योंकि यह आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाता है। जोड़ों के दर्द के लिए तिल के तेल की मालिश लाभदायी होती है। यह मांशपेशियों की सुजन को कम करता है और दर्द से छुटकारा दिलाता है। तिल के तेल में मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम आदि मसल्स को एक्टिव रखने में मदद करते हैं।
- तिल के तेल में पाए जाने वाले विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के कारण यह बालों को पोषण देने का कार्य करता है और रूखे और बेजान बालों के विकार को दूर करने में सक्षम है। नियमित रूप से तिल के तेल की बालों में मालिश करने पर बालों की आयु बढती है और रुसी, बालों का झड़ना कम किया जा सकता है।
- दाँतों में विकार होने पर और बेक्टेरिया को समाप्त करने के लिए तिल के तेल को कुछ देर तक मुंह में रखने और कुल्ला करने पर हानिकारक बेक्टेरिया समाप्त होते हैं और दाँतों के विकार दूर होते हैं और दांतों पर जमा मैल भी दूर होता है। तिल के तेल के गुणों के कारण यह मुंह के छालों को ठीक कर सकता है और मुंह की दुर्गन्ध को भी कम करता है। इसके लिए आप तिल के तेल को कुछ देर मुंह में जरुर रखें। तिल का तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी मदद से त्वचा को जरूरी पोषण मिलता है और इसमें नमी बनी रहती है।
- शोध बताते हैं कि सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं की बढ़त को । तिल के तेल में sesamol और sesaminol, दो एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपके स्वास्थ्य पर शक्तिशाली प्रभाव डाल सकते हैं और इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट पदार्थ हैं जो हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स, मुक्त कणों को शरीर से बाहर निकालने में मदद गार होते हैं। । आपकी कोशिकाओं में मुक्त कणों के जमा होने से सूजन और बीमारी हो सकती है
अपने बेहतरीन पोषक गुणों के कारण तिल का तेल पूरी दुनिया में कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। यह न केवल त्वचा और बालों के लिए उपयोगी है बल्कि डाईबीटीस, आर्थराइटिस, मोटापा और हड्डियों व मांसपेशियों की कमजोरी के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसलिए पतंजलि ने 100% शुद्ध तिल का तेल उपलब्ध कराया जो आपके खाने को और भी ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाता है। खासकर सर्दियों में तिल के तेल में खाना पकाएं और ठंड से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रहें । पतंजलि फिजिकली रिफाइंड ऑयल्स में राइस ब्रान ऑयल, सोयाबीन ऑयल, सनफ्लॉवर ऑयल और नेचुरल ऑयल्स में सरसों तेल, मूंगफली तेल, तिल का तेल एवं नारियल तेल उपलब्ध है।
It may be very harmful to use wrong cooking oil in your daily routine. For preventing serious health issues, you should always use Natural Cooking Oil or Physical Refined Oil. Sesame oil is a popular edible oil that adds a rich and nutty flavor to your dishes and provide many health benefits. It is not only useful for skin and hair but also very beneficial for diabetes, arthritis, obesity, and weakness of bones and muscles. That's why Patanjali provide 100% pure sesame oil which makes your food more nutritious and tasty.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |