कान्हा रे कान्हा रे सुन कान्हा रे भजन
राधा- कान्हा रे कान्हा रे सुन कान्हा रे,
जब मैं बुलाऊं चले आना रे,
कृष्णा- राधा रे राधा रे सुन राधा रे,
जब चाहे मुझको बुलाना रे,
राधा- तू है मेरा कृष्ण कन्हैया,
तू है मेरा बंसी बजैया,
मीठी मीठी मुरली बजाना रे,
जब मैं बुलाऊं चले आना रे,
अरे,कान्हा रे कान्हा रे सुन कान्हा रे,
जब मैं बुलाऊं चले आना रे,
कृष्णा- अरे, राधा रे राधा रे सुन राधा रे,
जब चाहे मुझको बुलाना रे,
राधा- मीठी मीठी बंसी की धुन में सांवरिया,
कैसे मैं बताऊँ मैं तो हुई रे बंवरिया,
कृष्णा- बंसी की मेरी काहे इतनी तू दीवानी,
बंसी मैं बसा है तेरा प्यार राधा रानी,
राधा- मन में ये प्रीत कान्हा तुमने जगाई,
कृष्णा- मेरे ह्रदय में राधे तुम हो समाई,
राधा- सुनो रे कान्हा अब न सताओ,
बतिया मानो चले भी आओ, मुस्का के,
मुस्का के बंसी बजाना रे,जब मैं बुलाऊं,
राधा- कान्हा ये बंसी बनी मेरी सौतन,
मुझसे है प्यारी तुम्हें बंसी गोबर्धन,
कृष्णा- बंसी भी अर्पण मैं भी हूँ अर्पण,
प्रेम में तुम्हारे हम दोनों हैं अर्पण,
राधा- ना ना रे कान्हा ऐसा कहो ना,
कृष्णा- बंसी की खातिर मुझसे लड़ो ना,
राधा- तौबा तौबा राम दुहाई,
तुन जीते मेरे कृष्ण कन्हाई,
कृष्णा- छोडो ये तकरार की बातें,
हो जाए अब प्यार की बातें,
राधा- पनघट पे बंसी बजाना रे,
जब मैं बुलाऊँ चले आना रे,
कृष्णा- अरे, राधा रे राधा रे सुन राधा रे,
जब चाहे मुझको बुलाना रे,
राधा- अरे, कान्हा रे कान्हा रे सुन कान्हा रे,
जब मैं बुलाऊं चले आना रे,
कृष्णा- अरे, राधा रे राधा रे सुन राधा रे,
जब चाहे मुझको बुलाना रे,
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Author - Saroj Jangir
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