जय जय राधा रमण हरि बोल-लिरिक्स Jai Jai Radha Raman Hari Bol Lyrics

जय जय राधा रमण हरि बोल-लिरिक्स Jai Jai Radha Raman Hari Bol Lyrics

 
जय जय राधा रमण हरि बोल-लिरिक्स Jai Jai Radha Raman Hari Bol Lyrics

अपनें हरि को हम ढूंढ लियो,
जिन लाल अमोलक लाख़ में,
हरि के अंग अंग में,
वा श्याम के अंग अंग में,
नरमीं है जितनी,
नरमीं नाहीं वैसी माखन में,
छवि देखत ही मै तो झाँकी रही,
मेरो चित्त चुरा लियो झाँकन में,
हियरा में बसो, जियरा में बसो,
प्यारी प्यारे बसो दोऊ आँखन में,
लाड़ली लाल बसो, श्यामा श्याम,
बसो दोऊ आँखन में,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
नव नागर किशोर, नवल रसिया,
प्यारो बृज को छैल कान्हाँ मन बसियां,
करि कालिंदी फूल किलोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
अखियन काजर, मृग छौना (हरिण का शिशु ) सो,
नख बेसर जादू टोना सो,
दोऊ रस के भरे हैं कपोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
अंगडाई ले मृदु मुस्कन पे,
कजरी तिरछी चितवन पे,
शुकदास बिका बिन मोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल,


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Jai Jai Radha Raman Hari Bol ( Krishna Bhajan )
( Singer: Rishi Nityapragya )
Based on the Raaga Madhyamavati, Jai Jai Radha Ramana is supposed to bring out the Ananda(Bliss) spontaneously. This Bhajan is used to end all Art of Living Satsangs and its tune lingers in the mind for long after the Satsang is over. As such, it can be said as the most popular Bhajan in Art of Living.
 

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