मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी भजन लिरिक्स Meera Kahe Main Beraagan Hungi Bhajan Lyrics

मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी भजन लिरिक्स Meera Kahe Main Beraagan Hungi Bhajan Lyrics


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जय हो गिरधारी प्रभु सुनलो म्हारी
रूप ये तेरो है बड़ा मनुहारी
मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी

कहो तो कुशमाल साड़ी रंगवा
कहो तो भगवा भेष
कहो तो मोतियन मांग भरवा
कहो तो छिटकवा केश
गिरधर मेरा जैसे माने
दिन को कहे रात तो रात कहूँगी

मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी

शील संतोष धरू घट भीतर
समता पकडे रहूंगी
जाको नाम निरंजन कहिये
ताको ध्यान धरूंगी
बन गयी जोगन तेरी मोहन
तुझसे तन मन अब मैं भरूंगी

मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी


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