माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल हिंदी मीनिंग Maayi Ree Main To Liyo Gobindo Mol Meaning

माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल हिंदी मीनिंग Maayi Ree Main To Liyo Gobindo Mol Hindi Meaning

 
माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल हिंदी मीनिंग Maayi Ree Main To Liyo Gobindo Mol Hindi Meaning

माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल ।।
कोई कहै छाने कोई कहै चौड़े, लियोरी बजंता ढोल ।
कोई कहै मुँहघो कोई सुँहघो, लियो री तराजू तोल ।
कोई कहै कारो कोई कहै गोरो, लियोरी अमोलिक मोल ।
याही कूँ सब लोग जाणत है, लियोरी आँखी खोल
मीराँ कूँ प्रभु दरसण दीज्‍यौ, पूरब जनम कौ कोल ।।

Maee Ree Main To Leeyo Gobindo Mol,
Koee Kahai Chhaane Koee Kahai Chaude, Liyoree Bajanta Dhol,
Koee Kahai Munhagho Koee Sunghagho, Liyo Ree Taraajoo Tol,
Koee Kahai Kaaro Koee Kahai Goro, Liyoree Amolik Mol,
Yaahee Koon Sab Log Jaanat Hai, Liyoree Aankhee Khol,
Meeraan Koonvat Darasan Deejayau, Poorab Janam Ka Kol,

माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल शब्दार्थ Maayi Ree Main To Liyo Gobindo Mol Hindi Word Meaning Hindi

माई री = हे सखी, आपस में बातचीत करने का अभिवादन करने का माध्यम/बोल चाल का तरीका.
लीयो = लिया है।
गोविन्दो = गोविन्द, कृष्ण.
छाने = छिपकर, आँख बचाकर।
चौड़े = सबके सामने।
बजन्ता ढोल = बजाते हुए, प्रकट रूप में।
मुँहगो = महँगा।
सुँहगो = सस्ता।
लियोरी तोल = नाप जोख कर।
अमोलिक मोल = अनमोल समझ कर।
जाणत है = जानते हैं।
आँखी खोल = अच्छी तरह परखकर के.
पूरब जनम कौ कौल = पूर्व जन्म में किये गये वादे के मुताबिक.

माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल हिंदी मीनिंग Maayi Ree Main To Liyo Gobindo Mol Hindi Meaning

माई री मैं तो लीयो गोबिन्‍दो मोल हिंदी मीनिंग : इस पद में मीरा बाई अपनी सखी से कहती हैं की मैंने गोविन्द को प्राप्त कर लिया है/मोल ले लिया है. कोई कहता है की मैंने गोविन्द को चुपचाप प्राप्त कर लिया है तो दुसरे कहते हैं की मैंने सबके सामने गोविन्द से प्रीत कर ली है. लेकिन मैं तो ढोल बजाकर/ कहती हूँ की मैंने गोविन्द से प्रीत कर ली है. कोई कहता है की मैंने गोविन्द को महँगा मोल ले लिया है तो कोई कहता है की सस्ते में सौदा हो गया है लेकिन मैंने अपने हृदय में गोविन्द के सौदे को तौल लिया है. कोई कहता है की गौरा है तो कोई कहता है की काला है लेकिन मैंने अपनी आँखों से गोविन्द का विश्लेषण कर लिया है. मैंने आँखें खौल कर गोविन्द का सौदा किया है. मैंने आँखें खोल कर सौदा किया है, जिसे सब लोग जान चुके हैं. हे गोविन्द (श्री कृष्ण) मीरा को दर्शन दें यही पूर्व जनम का वादा है. इस पद का भाव है की भले ही जगत के लोग मीरा और श्री कृष्ण की भक्ति के विषय में कैसे भी बात करें लेकिन मीरा बाई ने बहुत ही सोच समझ कर निर्णय लिया है. 

पाठान्तर
सखी री मैं तो गिरधर के रँग राती।
पचरँग मेरा चोला रंगा दे मैं झुरंमुट खेलन जाती।
झुरमुट में मेरा साई मिलेगा, खोल अडम्बर गाती।
चंदा जायगा सुरज जायगा, जायगा धरण अकासी।
पवन पाणी दोनों हीं जायगे, अटल रहे अबिनासी।
सुरत निरत का दिवला सँजोले, मनसा की कर बाती।
प्रेमहटी का तेल बनाले, जगा करे दिन राती।
जिनके पिय परदेस बसत हैं, लिखि लिखि भेजे पाती।
मेरे पिय मो माहिं बसत है, कहूँ न आती जाती।
पीहर बसूँ न बसूँ सास, घर सतगुर शब्द संगाती।
ना घरा मेरा न घर तेरा, मीराँ हरि रंग राती॥
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माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल / मीराबाई
माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल॥
कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥
कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥
ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लियों बंजंता ढोल॥ मा०॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥


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