नीर भरन कैसे जाऊं सखी री लिरिक्स Neer Bharan Kaise Jaau Sakhi Ree Lyrics
नीर भरन कैसे जाऊं सखी री लिरिक्स Neer Bharan Kaise Jaau Sakhi Ree Lyrics
नीर भरन कैसे जाऊं सखी री अब
नीर भरन कैसे जाऊं
डगर चलत मोसे करत रार अब
नीर भरन कैसे जाऊं
ऐसो चंचल चपल हट नटखट
मानत न काहु की बात
बिनति करत मैं तो गई री हार अब
नीर भरन कैसे जाऊं
नीर भरन कैसे जाऊं
डगर चलत मोसे करत रार अब
नीर भरन कैसे जाऊं
ऐसो चंचल चपल हट नटखट
मानत न काहु की बात
बिनति करत मैं तो गई री हार अब
नीर भरन कैसे जाऊं
Neer Bharan Kaise Jaoon Sakhee Ree Ab
Neer Bharan Kaise Jaoon
Dagar Chalat Mose Karat Raar Ab
Neer Bharan Kaise Jaoon
Aiso Chanchal Chapal Hat Natakhat
Maanat Na Kaahu Kee Baat
Binati Karat Main To Gaee Ree Haar Ab
Neer Bharan Kaise Jaoon
यह राग 'तिलक कामोद' में एक प्रसिद्ध रचना है। गीत में वर्णित है, कृष्ण लीला। एक गोपी पानी के लिए बाहर जाने में असमर्थता व्यक्त कर रही है, क्योंकि कृष्ण ने उसे ऐसा नहीं करने दिया।
नीर भरन कैसे जाऊं तिलक कामोद गाइका : देवी
यह एक काफी प्रसिद्ध राग है। मल्हार आंग, हमीर आंग और कल्याण आंग की केदार और छांयुत की झलक को एक साथ स्पष्ट छायाएं देख सकते हैं। इसलिए यह राग आसानी से प्रस्तुत करना मुश्किल है। राग थाट को कल्याण थाट से उत्पन्न माना जाता है। इसमें दोनों मध्यम के अतिरिक्त अन्य स्वर शुद्ध प्रयोग होते हैं । इसकी जाति वक्र सम्पूर्ण है। वादी स्वर पंचम और संवादी स्वर ऋषभ माना गया है। गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।
आरोह–सा, ग म रे सा, रे- प, म(t) प, ध प नि ध सां।
अवरोह–सां नि ध प, म(t) प ध प, ग म प, ग म रे सा।
पकड़– रे प, म(t) प, ध प, ग म प ग म रे सा ।
थाट – कल्याण थाट
जाति -वक्र सम्पूर्ण
गायन समय – रात्रि का प्रथम प्रहर
The raga is of Shadava-Sampoorna nature, i.e., in its arohana (ascent) six notes are used (D is excluded), whereas the avarohana (descent) uses All seven notes. All the swaras used in this raga are shuddha except for N which is sometimes komal (n). The usage of komal (n) brings in the characteristics of Khamaj thaat. However, shuddha N in the avarohana is quite frequently used in north Indian style of performing this raga.
Arohana: 'Pa 'Ni Sa Re Ga Sa Re Ma Pa Ni Sa' .
Avarohana: Sa' Pa Dha Ma Ga Sa Re Ga Sa 'Ni 'Pa 'Ni Sa Re Ga Sa .
Pakad:'Pa 'Ni Sa Re Ga Sa Re Pa Ma Ga Sa 'Ni
The vadi swar is Re, and the samvadi is Pa .
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