मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे हिंदी मीनिंग Main Jagu Mhara Satguru Jaage Hindi Meaning Kabir Bhajan by Shabnam Birmani : Main Jagu Mhara Satguru Jaage Lyrics
कबीर साहेब के इस भजन में जागने से आशय माया के भ्रम को समझ कर जीवन के उद्देश्य को समझने से है। एक तो साधक जाग्रत अवस्था में है और सतगुरु जाग्रत हैं, बाकी सभी लोग (आलम ) सोने में व्यस्त है। जागने के भी अपने कष्ट हैं। जो जाग्रत हैं वे अपने मालिक से मिलने के लिए व्याकुल हैं, बाकी सभी निष्फिक्र होकर सो रहे हैं। अज्ञान में हैं इसलिए कोई कष्ट उनको नहीं सता रहा है। जंगल का मृग जाग्रत है क्योंकि वह भी खोज में है। बालक की माँ अपने पुत्र में मोह डालकर जाग्रत है। जंगल के राजा शेर को अपने इलाके (राज पाट ) की चिंता है इसलिए वह जाग रहा है। वहीं जंगल में साधू जाग्रत है जो सुरति में व्यस्त है।
भाव है की जिसने माया को समझा है वह जाग्रत है।
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का मिरगवा,
भटक भटक निंदरा खोवे,
खोवे, खोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है बालक की माता,
अपनी सूरत बालक में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का राजा,
अपनी सूरत राज में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का साधू,
अपनी सूरत आप में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवें,
मैं जागू म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का मिरगवा,
भटक भटक निंदरा खोवे,
खोवे, खोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है बालक की माता,
अपनी सूरत बालक में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का राजा,
अपनी सूरत राज में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
एक तो जागे है जंगल का साधू,
अपनी सूरत आप में लावे,
लावे, लावे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
मैं जागूँ म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवें,
मैं जागू म्हारां सतगुरु जागे,
आलम सारी सोवे, सोवे, सोवे,
आलम सारी सोवै, सोवे, सोवै।
Kabir Bhajan | मैं जागूं मारा सतगुरू जागे | Shabnam Virmani | Jashn-e-Rekhta
Aalam Saaree Sove, Sove, Sove,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sovai, Sove, Sovai.
Ek To Jaage Hai Jangal Ka Miragava,
Bhatak Bhatak Nindara Khove,
Khove, Khove,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sovai, Sove, Sovai.
Ek To Jaage Hai Baalak Kee Maata,
Apanee Soorat Baalak Mein Laave,
Laave, Laave,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sovai, Sove, Sovai.
Ek To Jaage Hai Jangal Ka Raaja,
Apanee Soorat Raaj Mein Laave,
Laave, Laave,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sovai, Sove, Sovai.
Ek To Jaage Hai Jangal Ka Saadhoo,
Apanee Soorat Aap Mein Laave,
Laave, Laave,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sove, Sove, Sove,
Main Jaagoon Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sove, Sove, Soven,
Main Jaagoo Mhaaraan Sataguru Jaage,
Aalam Saaree Sove, Sove, Sove,
Aalam Saaree Sovai, Sove, Sovai.