पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Divya Avipattikar Churna Benefits

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Divya Avipattikar Churna Benefits

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका उल्लेख रस तंत्र सार और आयुर्वेदा सार संग्रह से प्राप्त होता है। यह चूर्ण मुख्य रूप से एसिडिटी, बदहजमी, खट्टी डकारें और पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में मुताबिक़ अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna) अम्लपित्त (Acidity), शूल (पेट दर्द), अर्श (Piles), प्रमेह, मूत्राघात (पेसाबकी उत्पत्ति कम होना) और मूत्रास्मरी (पथरी) विकारों में लाभदाई होता है। यह औषधि अपच ,कब्ज, पेट दर्द ,गैस इत्यादि समस्याओं में उपयोगी है। अविपत्तिकर चूर्ण एक सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक योग (मिश्रण) है जो पित्त दोष के असंतुलन के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे एसिडिटी, बदहज़मी, और हृदय में जलन के इलाज के लिए उपयोगी है। ये समस्याएँ अक्सर शारीरिक गतिविधियों की कमी, बैठने की जीवनशैली या अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों के कारण होती हैं। अविपत्तिकर चूर्ण पित्त दोष के असंतुलन के कारण शरीर के ताप को कम करता है और शरीर के भीतर शीतलता प्रदान करता है।

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Divya Avipattikar Churna Benefits

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के घटक Patanjali Avipattikar Churna ingredients Hindi

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के निम्न घटक होते हैं -
  • Sounth सौंठ जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale
  • Kali Mirch काली मिर्च (Piper nigrum)
  • Pippal पिप्पल Piper longum
  • Harad हरड़ Haritaki Terminalia chebula
  • Baheda भरड़ Bibhitaka Terminalia bellirica
  • Amla आँवलाAmalaki Phyllanthus emblica
  • Nagarmotha नागरमोथा Musta Cyperus rotundus
  • Vid Namak विडनमक/नौसादर
  • VaiVidang बाय विडंग Embelia Ribes
  • Laghu Ela छोटी एला (Sukshmaila API) Eletteria cardamomum
  • Tej Patra तेजपत्र Cinnamomum tamala, Indian bay leaf
  • Lavang लौंगLavang (Syzgium aromaticum)
  • Nisoth निशोथ
  • Mishri मिश्री
पाचन को सुधारने और कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक ओषधि

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे Patanjali Avipattikar Churna Benefits Hindi

  • अम्ल पित्त : पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण हायपर एसिडिटी (अम्ल पित्त ) के विकार को दूर करने के लिए लाभदाई ओषधि है। अम्ल पित्त के होने पर छाती में जलन, छाती में भारीपन और उल्टी (वमन) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस को दूर करने के लिए पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण लाभदाई है।
  • खाने के उपरान्त इसका सेवन करने से बढ़ा हुआ पित्त शांत होता है।
  • पेट में बढ़ी हुई गैस को दूर करने में अविपत्तिकर चूर्ण लाभदाई होता है।
  • इसके सेवन से कब्ज दूर होता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से भोजन के पाचन में सुधार होता है, अस्वस्थ, असंतुलित आहार और गतिहीन जीवनशैली अक्सर पाचन से संबंधित समस्याओं का कारण बनती हैं। निशोथ के कारण इस चूर्ण में विरेचन का गुण भी सम्मिलित हो जाता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण का एक लाभ यह भी होता है की यह अम्ल की बढ़ी हुई मात्रा जो वात नाड़ियों तक पहुँच जाती को शांत करता है जिससे नसों में खिंचाव दूर होता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण मंदाग्नि को दूर करने लाभदाई होता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण पित्त नाशक होता है। त्रिफला, लौंग, निशोथ, नागरमोथा बड़े हुए पित्त को संतुलित करते हैं।
  • मूत्र में विष का बढ़ जाना, मूत्र में जलन आदि विकारों में भी यह चूर्ण लाभदाई होता है।
  • इस ओषधि के सेवन से पेट में अल्सर नहीं बनता है।

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन कैसे करें Doses of Patanjali Avipattikar Churna

सामान्य परिस्थितियों में अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन आप खाने के पूर्व ३ से ६ ग्राम तक गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं। यद्यपि यह एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य से सलाह अवश्य प्राप्त कर लें। रोग की जटिलता के आधार पर इसकी मात्रा और अन्य ओषधियों का योग होता है। वैद्य के परामर्श के उपरान्त ७ से २१ दिनों तक इसका सेवन किया जा सकता है।

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण कहाँ से खरीदें Buy Patanjali Avipattikar Churna

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण आपको आयुर्वेदिक ओषधियों की दूकान से या फिर पतंजलि चिकित्सालय में उपलब्ध हो जाता है। यदि आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो पतंजलि आयुर्वेदा की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया गया है।

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/churna/avipattikar-churna/23

पतंजलि आयुर्वेदा का अविपत्तिकर चूर्ण के विषय में कथन

Avipattikar Churna is a very effective cure for acidity, indigestion and constipation. Unhealthy, unbalanced diet and sedentary lifestyle often leads to digestion-related problems. Avipattikar Churna is a combination of herbs and natural extracts which reduces acidity in stomach, relieves heartburn and discomfort. It reduces gas formation and induces intestinal movements thus relieving you of constipation. Avipattikar Churna stimulates the production of digestive enzymes and helps in the absorption of nutrients. Take Avipattikar Churna for a complete recovery from digestive ailments. It brings to you immediate and lasting relief.

अविपत्तिकर चूर्ण को घर पर कैसे बनाएं How To Make Avipattikar Churna at Home

अविपत्तिकर चूर्ण को आप आसानी से अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको संदर्भित ग्रन्थ के मुताबिक़ निम्न ओषधियों की आवश्यकता है।
  • कालीमिर्च – 1 भाग
  • सोंठ – 1 भाग
  • पिप्पली – 1 भाग
  • आंवला (आमलकी) – 1 भाग
  • बहेड़ा (विभितकी) – 1 भाग
  • हरड (हरीतकी) – 1 भाग
  • नागरमोथा – 1 भाग
  • वायविडंग – 1 भाग
  • विड लवण – 1 भाग
  • इलायची – 1 भाग
  • तेजपत्र – 1 भाग
  • लौंग – 10 भाग
  • निशोथ – 40 भाग
  • मिश्री – 60 भाग
उपरोक्त सभी ओषधियों को साफ़ करके अच्छे से धूप में सूखा दें जिससे इनकी नमी निकल जाए। अब निश्चित मात्रा में ली गई घटक सामग्री को कूट लें और दरदरा होने पर मिक्सी में महीन चूर्ण बना लें। सावधानी रखें की इस चूर्ण को आप काँच की हवाबंद डिब्बे में रखें जिससे इसके प्राकृतिक तेल उड़े नहीं। प्राकृतिक तेल उड़नशील होते हैं।

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के दुष्परिणाम Side effects of Patanjali Avipattikar Churna

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं है फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह लेंवे। आँतों में सूजन हो जाने पर इसका सेवन प्रायः नहीं करना चाहिए। निश्चित मात्रा से अधिक मात्रा और वैद्य द्वारा बताए गए समय से अधिक/लम्बे समय तक अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। 

Written by Saroj Jangir, The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
सन्दर्भ : References:

  1. Ras tantra saar avum sidh prayog sangreh
  2. Ayurveda saar sangreh
  3. भैषज्य रत्नावली। 
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1 टिप्पणी

  1. इस चूर्ण के बहुत फायदे है मैने उपयोग किया है