दीपक दीया तेल भरि हिंदी मीनिंग Deepak Diya Tel Bhari Hindi Meaning Kabir Ke Dohe

दीपक दीया तेल भरि हिंदी मीनिंग Deepak Diya Tel Bhari Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Meaning कबीर के दोहे/साखी हिंदी भावार्थ

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट।
पूरा किया बिसाहूणाँ, बहुरि न आँवौं हट्ट॥

Dipak Diya Tel Bhari, Baati Dayi Aghatt.
Pura Kiya Bisahuna, Bahuri Na Aavo Hatt.
 
दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहूणाँ, बहुरि न आँवौं हट्ट॥
 

कबीर के दोहे के शब्दार्थ Kabir Ke Dohe Word Meaning Hindi

दीपक - ज्ञान की ज्योति.
दीया- दीपक.
तेल भरि- दीपक में तेल भरा.
बाती दई अघट्ट- कभी ना घटने वाली बाती.
पूरा किया - पूर्ण किया.
बिसाहूणाँ- खरीद फरोख्त, क्रय विक्रय, व्यापार.
बहुरि न आँवौं - दुबारा नहीं आना.
हट्ट-बाजार/हाट.

कबीर दोहे का हिंदी मीनिंग : सतगुरु ने साधक को ज्ञान रूपी दीपक देकर उसमे भक्ति रूपी तेल भर दिया है. इस ज्ञान रूपी दीपक में हरी भक्ति की ऐसी वर्तिका डाल दी है जो कभी घटने वाली नहीं है. जगत रूपी बाजार में साधक ने अपने व्यापार (खरीद फ़रोख्त) को पूर्ण कर लिया है और अब वह पुनः इस बाजार में नहीं आएगा. वह ज्ञान प्राप्त करने के उपरान्त माया के भ्रम को समझ चुका है और अब इस चक्र से मुक्त हो गया है।
भाव है की साधक ने गुरु से ज्ञान रूपी दीपक प्राप्त किया है जिसमे गुरु ने भक्ति के रूप में बाती दी है जो कभी क्षीर्ण नहीं होगी. इस ज्ञान रूपी दीपक के प्रकाश में साधक ने जगत रूपी बाजार के सम्पूर्ण सौदे पूर्ण कर लिए हैं और अब वह पुनः इस हाट (जगत) में लौटकर नहीं आएगा. वह जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो गया है. स्पष्ट है की कबीर साहेब की मान्यता पुर्जन्म में रही है. वे मानते हैं की यदि इस जगत में आकर भक्ति नहीं की जाए तो जन्म मरण का फेर चलता ही रहता है. जीवन से मुक्ति का एक मात्र तरीका हरी का सुमिरण करना ही है. कबीर की इस साखी में रूपकातिश्योक्ति और सांगरूपक अलंकार की व्यंजना हुई है.
 
Deepak Deeya Tel Bhari, Baatee Daee Aghatt.
Poora Kiya Bisaahoonaan, Bahuri Na Aanvaun Hatt.
 
ग्यान प्रकास्या गुर मिल्या, सो जिनि बीसरि जाइ।
जब गोबिंद कृपा करी, तब गुर मिलिया आइ॥
कबीर गुर गरवा मिल्या, रलि गया आटैं लूँण।
जाति पाँति कुल सब मिटै, नांव धरोगे कौण॥
जाका गुर भी अंधला, चेला खरा निरंध।
अंधा अंधा ठेलिया, दून्यूँ कूप पड़ंत॥
नाँ गुर मिल्या न सिष भया, लालच खेल्या डाव।
दुन्यूँ बूड़े धार मैं, चढ़ि पाथर की नाव॥
चौसठ दीवा जोइ करि, चौदह चन्दा माँहि।
तिहिं धरि किसकौ चानिणौं, जिहि घरि गोबिंद नाहिं॥
निस अधियारी कारणैं, चौरासी लख चंद।
अति आतुर ऊदै किया, तऊ दिष्टि नहिं मंद॥
Gyaan Prakaasya Gur Milya, So Jini Beesari Jai.
Jab Gobind Krpa Karee, Tab Gur Miliya Aai.
Kabeer Gur Garava Milya, Rali Gaya Aatain Loonn.
Jaati Paanti Kul Sab Mitai, Naanv Dharoge Kaun.
Jaaka Gur Bhee Andhala, Chela Khara Nirandh.
Andha Andha Theliya, Doonyoon Koop Padant.
Naan Gur Milya Na Sish Bhaya, Laalach Khelya Daav.
Dunyoon Boode Dhaar Main, Chadhi Paathar Kee Naav.
Chausath Deeva Joi Kari, Chaudah Chanda Maanhi.
Tihin Dhari Kisakau Chaaninaun, Jihi Ghari Gobind Naahin.
Nis Adhiyaaree Kaaranain, Chauraasee Lakh Chand.
Ati Aatur Oodai Kiya, Taoo Dishti Nahin Mand.

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2 टिप्पणियां

  1. बहुत अच्छा लगा
  2. Yahu tan jallo masi karo