जैसे माया मन रमै मीनिंग कबीर के दोहे

जैसे माया मन रमै मीनिंग Jaise Maaya Man Me Rame Hindi Meaning Kabir Ke Dohe

जैसे माया मन रमै, यूँ जे राम रमाइ।
(तौ) तारा मण्डल छाँड़ि करि, जहाँ के सो तहाँ जाइ॥

Jaise Maaya Man Rame, Jyu Je Raam Ramaai,
Tou Taara Mandal Chhadi Kari, Jaha ke So Taha Jaai.
 
जैसे माया मन रमै मीनिंग Jaise Maaya Man Me Rame Hindi Meaning Kabir Ke Dohe

कबीर दोहे के शब्दार्थ Kabir Doha Word meaning

रमै-मन में एकाकार हो जाती है, रम जाती है।
यूँ -यूँ (जैसे)
जे - जो राम को रमा ले।
राम रमाइ-राम नाम से एकाकार हो जाए।
तारा मण्डल-समस्त नक्षत्र, तारे।
छाँड़ि करि- छोड़ कर।
के सो-केशव/ईश्वर।
तहाँ जाइ-वहाँ पंहुच जाता है।

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग

जिस भाँति व्यक्ति माया में रम जाता है वैसे ही यदि केशव में एकाकार हो जाए तो वह तारामंडल के ऊपर वहाँ पंहुच जाता है जहाँ केशव वास करते हैं। 
 
भाव है की जीवात्मा माया से अधिक प्रेम करती है और माया में एकाकार हो जाती है। माया और जीवात्मा में भेद कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे ही यदि जीवात्मा ईश्वर से प्रेम कर ले तो वह अवश्य ही ईश्वर के पास पहुँच सकती है। उल्लेखनीय है की कबीर साहेब यह समझाना चाहते हैं की ईश्वर प्राप्ति, भक्ति तब आसान हो जाती है जब व्यक्ति का चित्त पूर्ण रूप से ईश्वर के नाम में ही एकाकार हो जाए। एकाकार से आशय है की स्वंय के होने का भाव, अहम को समाप्त कर दे। ऐसी अवस्था में वह सर्वोच्च अवस्था में पहुँच जाता है। जैसे व्यक्ति सांसारिक कार्यों में रूचि लेता है वैसे यदि ईश्वर में ले तो वह ईश्वर के पास पहुँच सकता है। 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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