कबीर सूता क्या करै मीनिंग Kabir Suta Kya Kare Hindi Meaning

कबीर सूता क्या करै मीनिंग Kabir Suta Kya Kare Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit, Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth

कबीर सूता क्या करै, जागि न जपै मुरारि।
एक दिनाँ भी सोवणाँ, लंबे पाँव पसारि।

Kabeer Soota Kya Karai, Je Na Jap Muraari.
Ek Dina Sovana, Lambe Paanv Pasaari.
 
कबीर सूता क्या करै, जागि न जपै मुरारि। एक दिनाँ भी सोवणाँ, लंबे पाँव पसारि।


कबीर दोहा शब्दार्थ हिंदी Kabir Doha Word Meaning

सूता-सोकर (अज्ञान की निंद्रा )
जागि न- जाग कर (जागते हुए)
जपै मुरारि-हरी के नाम का सुमिरण।
सोवणाँ- सोना है (दैहिक मृत्यु)
लंबे पाँव पसारि- लम्बे पाँव पसार कर।

कबीर दोहे का हिंदी मीनिंग

 कबीर साहेब जीवात्मा को सम्बोधित करते हुए कहते हैं की तुम अज्ञान की निंद्रा में क्यों पड़े हो, जागो और ज्ञान की और अग्रसर होकर ईश्वर का सुमिरण करो। जब आत्मा इस तन को छोड़ जायेगी तो तुम्हे लम्बे पांव पसार कर लम्बी निंद्रा लेनी ही है।
उल्लेखनीय है की ज्ञान के अभाव में जीवात्मा विषय विकारों में पड़ी रहती है तथा जीवन के वास्तविक उद्देश्य को विस्मृत कर देती है। गुरु के शरण में आने के उपरान्त ही उसे इस तथ्य का बोध होता है और वह समस्त सांसारिक सुखों को छोड़कर परम आनंद की और अग्रसर होती है। 

Kabir Doha (Couplet) Meaning in English : Kabir Sahib, while addressing the soul, says that why do you fall in the sleep of ignorance, wake up and go ahead to get knowledge and chant the name of God. When the soul leaves this body, you have to sleep long and fast. Understand the importance of this life and chant Hari's name.

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