केसो कहि कहि कूकिये मीनिंग Keso Kahi Kahi Kukiye Meaning

केसो कहि कहि कूकिये मीनिंग Keso Kahi Kahi Kukiye Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Me, Kabir ke Dohe Hindi Bhavarth, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

केसो कहि कहि कूकिये, नाँ सोइयै असरार।
राति दिवस के कूकणौ, (मत) कबहूँ लगै पुकार॥

Keso Kahi Kahi Kukiye, Na Soiye Asaraar,
Raati Divas Ke Kukano, Kabhu Lage Pukar.
 
 

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Word Meaning of Kabir Couplet

केसो-केशव ।
कहि कहि- कह कह कर।
कूकिये- आनंदित होकर पुकारना।
नाँ सोइयै- सोइए नहीं।
असरार-आग्रह।
राति-रात।
दिवस-दिन।
कूकणौ-पुकार।
कबहूँ- कभी तो।
लगै पुकार- पुकार की सुनवाई होगी।

कबीर दोहे का हिंदी मीनिंग

रात दिन हरी के नाम का सुमिरण करते रहो। कभी भी अज्ञान की निंद्रा में सोवो मत, कभी तो इश्वर तुम्हारी करुण पुकार पर ध्यान देंगे।
भाव है की साधक को नित्य ही इश्वर की भक्ति में लीन रहना चाहिए, और उसे पुनः अज्ञानता की निंद्रा में सोना नहीं चाहिए। निरंतर हरी के नाम का सुमिरण करते रहना चाहिए। कभी ना कभी तो अवश्य ही तुम्हारी करुण पुकार को सुना जाएगा। केसो कहि कहि कूकिये से आशय है की केसो (केशव) कहकर पुकारते (कुकिये) रहो, क्षण भर के लिए भी अज्ञान की निंद्रा में मत सोओ। 

प्रस्तुत साखी में नाम जाप की महत्ता का बोध होता है। निरंतर रात और दिन हरी के नाम का जप करने से ईश्वर अवश्य ही करुण पुकार को सुनते हैं। साधक को साहेब आशावादी दृष्टिकोण से कह रहे हैं की "कबहुँ लगे पुकार", अवश्य ही एक रोज ईश्वर तुम्हारी सुनवाई करेंगे। आग्रह से आशय है की तुम कभी भी सोओ मत और निरंतर हरी का जाप करों। 

विशेष है की कबीर साहेब ने किसी भी कर्मकांड, मूर्तिपूजा और पाखण्ड का समर्थन नहीं किया है और स्पष्ट किया है की ईश्वर की प्राप्ति के लिए किसी बाह्य प्रयत्न की आवश्यकता नहीं है। मात्र ईश्वर के नाम का सुमिरण ही प्रयाप्त है। सत्य की राह पर चलकर मानवतावादी दृष्टिकोण को रखकर मात्र हरी के नाम का सुमिरण ही समस्त ज्ञान का सार है। 

Kabir Doha (Couplet) Meaning in English: Chant the name of God continuously. Do not fall asleep in ignorance. One day you must be heared by Supreme Power (God)

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