जहाँ दया तहा धर्म है हिंदी मीनिंग
जहाँ दया तहा धर्म है हिंदी मीनिंग Jaha Daya Taha Dharm
जहाँ दया तहा धर्म है, जहाँ लोभ वहां पाप।जहाँ क्रोध तहा काल है, जहाँ क्षमा वहां आप।
Jaha Daya Taha Dharm Hai, Jaha Lobh Vaha Paap,
Jaha Krodh Taha Kal Hai, Jaha Kshama Vaha Aap.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब ने मानवीय गुणों को महत्त्व देते हुए सन्देश दिया है की दया और धर्म का महत्त्व होता है। जहाँ पर दया होती है वहां धर्म भी होता है। जहां पर लोभ होता है वहां पर पाप होता है। जिस स्थान पर क्रोध होता है वहां पर काल होता है और जहाँ पर क्षमा का भाव होता है वहां पर ईश्वर का वास होता है। जहां दया है, वहां धर्म है। दया एक ऐसी भावना है जो दूसरों के प्रति करुणा और समझ का भाव प्रकट करती है। यह एक ऐसा गुण है जो हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके साथ सहानुभूति रखने के लिए प्रेरित करता है। अतः कबीर साहेब इस दोहे में मानवीय गुणों को धारण करने पर बल देते हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
