दरस तेरे की प्यास मन लागी, Darash Tere Ki Pyas Man Laagi.
हे वाहेगुरु जी, हे ईश्वर मेरे मन में तेरे दर्शन की प्यास जाग्रत हो चुकी है। भाव है की जीवात्मा ने अपने मालिक को पहचान कर उसी में समा जाने को आतुर है।
दरस तेरे की : आपके दर्शन की।
पिआस (प्यास) : प्यास, चाह, लगन।
मनि लागी- मन में लगन लगना, हृदय से प्राप्त करने का भाव।
सहज अनंद बसै बैरागी, Sahaj Aannad Base Bairaagi, (ਸਹਜ ਅਨੰਦ ਬਸੈ ਬੈਰਾਗੀ)
हे वाहेगुरु जी, आपके प्रेम में मैं भीगकर सहज आनंद और वैराग्य को प्राप्त करता हूँमेरा मन सहज आनंद और वैराग्य में बसता है। पूर्ण को प्राप्त होने पर सहज आनंद और वैराग्य की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।
चरन कमल की आस पिआरे, Charan Kamal Ki Aas Pyare, ( ਚਰਨ ਕਮਲ ਕੀ ਆਸ ਪਿਆਰੇ ),
हे नाथ मुझे आपके चरण कमल की आशा है, मुझे अपने चरणों में स्थान दीजिए।
यमदूत मेरे पास से भाग गए हैं। भाव है की मुझे काल का भय नहीं रहा है यह पूर्णता में समां जाने का भाव है। काल का भय तभी तक ही रहता है जब तक साधक गुरु के चरणों से विमुख रहता है।
दरस तेरे की प्यास मन लागी, Darash Tere Ki Pyas Man Laagi.
(ਦਰਸ ਤੇਰੇ ਕੀ ਪਿਆਸ ਮਨਿ ਲਾਗੀ)
हे वाहेगुरु जी, हे ईश्वर मेरे मन में तेरे दर्शन की प्यास जाग्रत हो चुकी है। भाव है की जीवात्मा ने अपने मालिक को पहचान कर उसी में समा जाने को आतुर है।
तू चिति आवहि तेरी मइआ, Tu Chitti Avahi Teri Maiya, (ਤੂ ਚਿਤਿ ਆਵਹਿ ਤੇਰੀ ਮਇਆ ),
हे मालिक आप ही मेरे चित्त में हो और यह आपकी कृपा ही है। वस्तुतः जीव ईश्वर की शरण में जाना भी चाहे तो बगैर गुरु के इजाज़त के यह सम्भव नहीं है।
सिमरत नाम सगल रोग खइआ, Simrat Naam Sagal Rog Khaiya,
आपके नाम के सुमिरण मात्र से ही समस्त रोग दुःख क्लेश नष्ट हो गए हैं।
दरस तेरे की प्यास मन लागी, Darash Tere Ki Pyas Man Laagi.
(ਦਰਸ ਤੇਰੇ ਕੀ ਪਿਆਸ ਮਨਿ ਲਾਗੀ)
हे वाहेगुरु जी, हे ईश्वर मेरे मन में तेरे दर्शन की प्यास जाग्रत हो चुकी है। भाव है की जीवात्मा ने अपने मालिक को पहचान कर उसी में समा जाने को आतुर है।
दरस तेरे की पिआस मनि लागी, Darash Tere Ki Pyas Mani Laagi, (ਦਰਸ ਤੇਰੇ ਕੀ ਪਿਆਸ ਮਨਿ ਲਾਗੀ)
हे वाहेगुरु जी, हे ईश्वर मेरे मन में तेरे दर्शन की प्यास जाग्रत हो चुकी है। भाव है की जीवात्मा ने अपने मालिक को पहचान कर उसी में समा जाने को आतुर है।
सहज अनंद बसै बैरागी, Sahaj Aannad Base Bairaagi, (ਸਹਜ ਅਨੰਦ ਬਸੈ ਬੈਰਾਗੀ) हे वाहेगुरु जी, आपके प्रेम में मैं भीगकर सहज आनंद और वैराग्य को प्राप्त करता हूँ
मेरा मन सहज आनंद और वैराग्य में बसता है। पूर्ण को प्राप्त होने पर सहज आनंद और वैराग्य की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।
दरस तेरे की प्यास मन लागी, Darash Tere Ki Pyas Man Laagi. (ਦਰਸ ਤੇਰੇ ਕੀ ਪਿਆਸ ਮਨਿ ਲਾਗੀ)
हे वाहेगुरु जी, हे ईश्वर मेरे मन में तेरे दर्शन की प्यास जाग्रत हो चुकी है। भाव है की जीवात्मा ने अपने मालिक को पहचान कर उसी में समा जाने को आतुर है।
Bhai Anantvir Singh Ji - Daras Tere Ki Pyas Man Lagi | Sing Along Shabad Gurbani Kirtan Akj Style
दरस तेरे की प्यास मनि लागी लिरिक्स Daras Tere Ki Piyaas Man Laagi Lyrics Bhai Anantvir Singh Ji USA Latest AKJ Style Gurbani Kirtan Daras Tere Ki Pyas Man Laagi sung so soulfully and emotionally that we are sure everyone will love it. For Kirtans of Bhai Anantvir Singh ji stay tuned to GSPS GURBANI Channel. Waheguru ji ka Khalsa Waheguru Ji Ki Fateh. Aap Ji age Benti Hai is video nu like share te comment zrur krna ji. Rozana Gurbani Video Vekhan Layi "SUBSCRIBE" krke bell icon zrur "PRESS" Krna Ji.
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