रंग रंग के फूल खिले रे

रंग रंग के फूल खिले रे

रंग ही से रंग उपजे, और सब रंग देखा एक,
कौन रंग है  जीव का, और ताका करो विवेक,
सब रंग पानी से हुआ, और सब रंग पाणी के माय,
 कौन रंग है नीर का, सो मोहे देवो  बताय।

म्हारी राम बाग गुलजार,
म्हारी हरी बाग गुलजार,
रंग रंग का फूल खिले रे,
रंग रंग के फूल खिले रे।
हाँ हाँ हाँ रे।

तख्त चार चौरासी रे क्यारी,
जिनकी सड़का न्यारी रे न्यारी,
पेड़ों से पेड़ बड़े रे,
रंग रंग का फूल खिले रे।
हाँ हाँ हाँ रे।

कुआं ईणा रे बाग के माई,
धोरा तीन लाग्या वाका माई,
कुआं  से  तो बाग  पीवे रे,  
रंग  रंग  रा फूल  खिले रे।
हाँ हाँ हाँ रे।

मालण इणा बाग के माई
भर धोभा फूलन का या लाई,
मुख आगे तो लाईने धरे रे,
रंग रंग का फूल खिले रे।
हाँ हाँ हाँ रे।

मंछा रे मालण माला रे पोई,
दिल चाहे लई जावो रे कोई,
देवन का तो शीश चढ़े रे,
रंग रंग का फूल खिले रे।
हाँ हाँ हाँ रे।

रामानंद गुरु माला रे दीनी,
साहब कबीर ने प्रेम कर लीनि,
घट माई  तो माला  फिरे रे,
रंग रंग  का फूल खिले रे।।
हाँ हाँ हाँ रे। 
 

रंग रंग का फूल खिले II Rang Rang Ka Fool Khile II Live Performance Punchguni

Rang Hee Se Rang Upaje, Aur Sab Rang Dekha Ek,
Kaun Rang Hai Jeev Ka, Aur Taaka Doyanaam,
Sab Rang Paanee Se Hua, Aur Sab Rang Paanee Ke Maay,
 Kaun Rang Hai Neer Ka, So Mohe Devo Bataay.
 
Bhajan by : Sant Kabir Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya chours : Ashok Tipaniya Violin : Devnarayan Saroliya Dholak : Ajay Tipaniya Harmonium : Dharmandra Tipaniya Video: Wangyal Stills: Amit Tirkey Sound editing : Peeter Jamra Program Venue : MRA Centre Punchguni And Special Thanks to DISOM and Its all member Thank You!

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